कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को बुधवार को बड़ा झटका लगा. उनके एक सांसद ने तृणमूल को कड़ी टक्कर दे रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया. तृणमूल सांसद सौमित्र खान ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता मुकुल रॉय की उपस्थिति में दिल्ली में ‘कमल’ को अपना लिया. सौमित्र खान तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले पहले लोकसभा सांसद हैं. इससे पहले तृणमूल के राज्यसभा सांसद मुकुल राय भाजपा में शामिल हुए थे.
सौमित्र खान वर्ष 2014 में पहली बार सांसद बने थे. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विष्णुपुर सीट से जीते सौमित्र खान वर्ष 2011 से 2014 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा के भी सदस्य रहे. वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. बाद में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये और संसद के सदस्य चुने गये.
इसे भी पढ़ें : Kolkata : भक्ति के रंग में रंगे गंगासागर जाने वाले श्रद्धालु, देखें Video
श्री खान ने अपना राजनीतिक कैरियर कांग्रेस के साथ शुरू किया था. 2011 में वह कांग्रेस के विधायक बने थे. बाद में वह तृणमूल में शामिल हुए. श्री खान को मुकुल राय का करीबी माना जाता है. मंगलवार को सोशल मीडिया पर उन्होंने एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें आरोप लगाया था कि उनके जिले के पुलिस अधिकारी उनके निजी सहायक का अपहरण करना चाहते हैं.
बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुकुल राय की मौजूदगी में सौमित्र खान के भाजपा का दामन थामते ही तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त कर दिया. पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने सौमित्र खान को तृणमूल से बर्खास्त करने के फैसले की जानकारी मीडिया को दी.
उधर, श्री खान ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे के साथ चलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं है. इसलिए उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी से दूरी बनाने का मन बनाया.
दूसरी तरफ, भाजपा ने कहा कि 38 साल के श्री खान के पार्टी में शामिल होने से आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को बांकुरा जिला में मजबूती मिलेगी. युवाओं को भाजपा से जोड़ने में श्री खान अहम भूमिका निभायेंगे.
बांकुरा जिला के दुर्लभपुर में जन्मे सौमित्र खान ने पंचमूरा महाविद्यालय से पढ़ाई की है. 16वीं लोकसभा के लिए चुने गये श्री खान एक सितंबर, 2014 से ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य हैं. वह शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की परामर्शदातृ समिति के भी सदस्य हैं.