उत्तर प्रदेश से कारोबार समेट कर बंगाल में यूनिट लगायेंगे चमड़ा व्यवसायी
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के 100 उद्यमियों को आवंटित की 270 एकड़ जमीन चमड़ा कारोबारियों को पश्चिम बंगाल सरकार दे रही हैं सभी प्रकार की सुविधाएं कोलकाता : उत्तर प्रदेश के चमड़ा व्यवसायियों ने अब पश्चिम बंगाल को निवेश के लिए चुन लिया है. बीते डेढ़ साल में टेनरियों की शिफ्टिंग और बंदी की […]
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के 100 उद्यमियों को आवंटित की 270 एकड़ जमीन
चमड़ा कारोबारियों को पश्चिम बंगाल सरकार दे रही हैं सभी प्रकार की सुविधाएं
कोलकाता : उत्तर प्रदेश के चमड़ा व्यवसायियों ने अब पश्चिम बंगाल को निवेश के लिए चुन लिया है. बीते डेढ़ साल में टेनरियों की शिफ्टिंग और बंदी की अनिश्चितता के चलते करीब 1500 करोड़ रुपये के निर्यात आर्डर रद होने के बाद यहां के उद्यमियों ने बंगाल का रुख कर लिया है. उत्तर प्रदेश के हालात को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश के करीब सौ उद्यमियों ने वहां की सरकार को जमीन के लिए आवेदन किया था. पश्चिम बंगाल सरकार सौ उद्यमियों के लिए 270 एकड़ भूमि रियायती दरों पर आवंटित कर रही है.
कोलकाता में हो रहे बंगाल समिट में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उद्यमियों को आवंटन पत्र सौंपा. गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए टेनरियों को बंद कर दिया गया है. उद्यमियों ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई थी. इसका असर कोलकाता की बंगाल समिट में दिखाई दे रहा है. गुरुवार से शुुरू हुए इस समिट में यूपी से भी कई उद्यमी शामिल हुए हैं. काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स (सीएलई) के सेंट्रल रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने बताया कि बंगाल सरकार रियायती दर पर इंडस्ट्रियल इस्टेट में जमीन दे रही है. उनका प्रस्ताव काफी अच्छा है.
इसे देखते हुए ही वहां के लगभग सौ चमड़ा उद्यमियों ने औद्योगिक भूमि के लिए आवेदन किया है. उद्यमी जावेद इकबाल ने बताया कि यूपी में परिस्थितियां मुश्किल हैं. उद्यमी कारोबार बढ़ाना चाहते हैं, इसलिए विस्तार के लिए बंगाल में इकाई स्थापित करना चाहते हैं. काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि वहां टेनरी के विस्तार को सीमित कर दिया गया है. उद्यमी कारोबार बढ़ाना चाहते हैं, इसलिए कानपुर के बजाए बंगाल में विस्तार इकाई लगा रहे हैं.