कोलकाता : साॅल्टलेक स्थित वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के कार्यालय, निवेदिता भवन के सामने सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले के हाजीनगर आदर्श हिंदी विद्यालय के माध्यमिक के 38 छात्र-छात्राओं ने एडमिट कार्ड नहीं मिलने को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी परीक्षार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी मौजूद थे. इस दौरान काफी काफी देर तक वहीं प्रदर्शन किया गया.
परीक्षार्थियों और अभिभावकों का कहना है कि सेंटअप परीक्षा में पास बताकर उनके फार्म भरवाये गये थे, लेकिन अभी बताया जा रहा है कि 38 परीक्षार्थी सेंटअप में फेल हैं. अगर ऐसा ही था तो 370 रुपये लेकर क्यों फार्म भरवाये गये. पिछले एक माह से एडमिट कार्ड के लिए क्यों दौड़ाया जा रहा था. इधर माध्यमिक परीक्षार्थी रानी पासी की मां गीता देवी का कहना है कि बेटी के एडमिट कार्ड के लिए एक माह से दौड़ रही हैं, लेकिन अंत तक नहीं मिला. बेटी का एक साल बर्बाद हो गया.
इधर स्कूल कमेटी के प्रेसिडेंट नरपत सिंह बैद का कहना है कि पूर्व शिक्षक प्रभारी (टीआइ) की लापरवाही व भ्रष्टाचार के कारण आज बच्चों को यह परेशानी झेलनी पड़ रही है. सेंटअप परीक्षा में फेल बच्चों को भी पैसे के लिए पास बताकर फार्म भरवाये गये थे, जबकि बोर्ड की ओर से हुई जांच में पाया गया था कि सारे बच्चे फेल पाये गये हैं. बोर्ड में पता करने पर बोर्ड ने अंत में यह जानकारी दी.
वहीं दूसरी ओर इस संबंध में पूर्व टीआई अनंत कुमार साव से संपर्क किये जाने के बाद भी बात नहीं हो पायी. इस संबंध में पश्चिम बंगाल मध्य शिक्षा परिषद के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने साफ तौर पर कहा कि हमारे पास जितने आवेदन आये थे, उन सभी का एडमिट कार्ड भेजा गया है. हाजीनगर स्कूल के 600 छात्रों के एडमिट कार्ड भेजे गये हैं.
40 बच्चों के एडमिट कार्ड के लिए फिर से आवेदन आये थे, लेकिन बोर्ड की ओर से जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि उसमें सिर्फ दो पास थे और बाकी सभी फेल. इसके बाद बोर्ड की ओर से दो छात्रों का एडमिट कार्ड भेजा गया, बाकियों का नहीं.
इस संबंध में स्कूल के शिक्षक प्रभारी ओम शंकर ओझा ने बताया कि पूर्व टीआई की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है. उन्होंने अधिक रुपये लेकर फेल हुए परीक्षार्थियों का फार्म भरवा दिया.