कोलकाता : ‘मेरा परिवार-भाजपा परिवार’ को बंगाल में नहीं मिल रही तवज्जो
कोलकाता : लोकसभा चुनाव से पहले देश भर में भाजपा कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने और शक्ति प्रदर्शन के तौर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के ‘मेरा परिवार-भाजपा परिवार’ अभियान को बंगाल में बहुत तवज्जो नहीं मिल रही है. राज्य में इस अभियान को सफल करना भी पार्टी के लिए सिरदर्द बन गया है. […]
कोलकाता : लोकसभा चुनाव से पहले देश भर में भाजपा कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने और शक्ति प्रदर्शन के तौर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के ‘मेरा परिवार-भाजपा परिवार’ अभियान को बंगाल में बहुत तवज्जो नहीं मिल रही है. राज्य में इस अभियान को सफल करना भी पार्टी के लिए सिरदर्द बन गया है. कार्यकर्ता घरों और गाड़ियों पर पार्टी का झंडा लगाने से कतरा रहे हैं, क्योंकि ऐसा करने पर वे मुश्किल में फंस सकते हैं. उनके सिर पर पुलिस और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों का आतंक सर चढ़ कर बोल रहा है. खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं.
प्रदेश भाजपा नेताओं ने कहा कि विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया है कि अगर उन्होंने घरों और गाड़ियों पर पार्टी का झंडा लगाया तो वे प्रत्यक्ष तौर पर भाजपा कार्यकर्ता के रूप में चिह्नित हो जायेंगे. इसके बाद उन्हें नुकसान पहुंचाया जा सकता है. इस अभियान के तहत पार्टी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष और कई दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने अपने घरों और गाड़ियों पर पार्टी का झंडा लगाया है. श्री घोष ने कहा, हमने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से घरों पर पार्टी का झंडा लगाने और गाड़ियों पर स्टीकर लगाने को कहा है.
हमें इसकी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. राज्य में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कभी तृणमूल कांग्रेस का मजबूत गढ़ माने जाने वाले इलाकों में हमें हालिया पंचायत चुनाव में जबरदस्त वोट मिले थे. अब अगर भाजपा से सहानुभूति रखने वाले इस अभियान में हिस्सा लेते हैं तो उनकी पहचान हो जायेगी और हम यह नहीं चाहते. उनकी सुरक्षा भी हमारी प्राथमिकता है. कुल मिलाकर कहा जाये तो मेरा परिवार-भाजपा परिवार का राष्ट्रव्यापी अभियान पश्चिम बंगाल में सफल होता हुआ नहीं दिख रहा है.