चलती ट्रेन में महिला ने बच्चे दो दिया जन्म
धूपगुड़ी (जलपाईगुड़ी) : तेज रफ्तार से दौड़ रही अगरतला-हबीबपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी में ही एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया. ट्रेन में चिकित्सक नहीं होने के कारण ट्रेन को धूपगुड़ी स्टेशन पर ही रोक दिया गया, हालांकि यहां ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. स्टेशन मास्टर ने अपना इंसानी फर्ज बखूबी निभाते हुए […]
धूपगुड़ी (जलपाईगुड़ी) : तेज रफ्तार से दौड़ रही अगरतला-हबीबपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी में ही एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया. ट्रेन में चिकित्सक नहीं होने के कारण ट्रेन को धूपगुड़ी स्टेशन पर ही रोक दिया गया, हालांकि यहां ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है.
स्टेशन मास्टर ने अपना इंसानी फर्ज बखूबी निभाते हुए धूपगुड़ी रेलवे स्टेशन के बगल से एक डॉक्टर को बुलवाया, जिसने नाल काटने के अलावा जच्चा-बच्चा का उपचार किया.
इस तरह करीब एक-डेढ़ घंटे ठहरने के बाद ट्रेन अपनी मंजिल की ओर रवाना हुई. इसी के साथ सहयात्रियों ने भी राहत की सांस ली. पूरे घटनाक्रम में ट्रेन के गार्ड शंकर प्रसाद, आरपीएफ इंस्पेक्टर नबी रसूल व धूपगुड़ी के स्थानीय युवक शाहरुख आलम की भी खूब तारीफ हो रही है, जिन्होंने महिला को बचाने के लिए जी-जान लगा दिया
प्रसूता महिला रिंकू देवी त्रिपुरा से गुजरात के ईंट भट्ठा में श्रमिक के काम के लिए जा रही थी. उसके साथ केवल एक अधेड़ महिला थी सहारे के नाम पर. ट्रेन के यात्रियों के अनुसार ट्रेन न्यू कूचबिहार स्टेशन के बाद सिलीगुड़ी के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रुकने वाली थी.
रविवार दोपहर करीब एक बजे जनरल डिब्बे में रिंकू देवी प्रसव पीड़ा से छटपटाने लगी तो उनकी बोगी के अन्य यात्री मोहम्मद सोहराब, त्रिभुवन सिंह और सूबेदार गादोआ परेशान हो उठे. तीनों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी. उस समय ट्रेन आलताग्राम स्टेशन पार कर चुकी थी.
तीनों ने पहले तो उन सीटों के अन्य यात्रियों को वहां से हटाया और फिर एक महिला से कपड़ा लेकर वहां पर्दा किया. आखिर में महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया.
लेकिन बोगी में कोई चिकित्सक या नर्स नहीं होने से बच्चे की नाल काटने का मसला सामने था, जिसके लिए ट्रेन को रुकवाना जरूरी था. ट्रेन के आखिर में जनरल बोगी के बाद गार्ड वैन थी. उन्होंने जोर-जोर से आवाज लगानी शुरू की. यह आवाज किसी तरह गार्ड के कानों तक पहुंची और गार्ड शंकर प्रसाद ने समझा कि कोई अनहोनी हुई है इसलिए उन्होंने अगले स्टेशन धूपगुड़ी में ट्रेन को रुकवाया.
धूपगुड़ी स्टेशन पहुंचने पर वहां तत्काल स्टेशन मास्टर से संपर्क कर डॉक्टर बुलवाया गया. इस काम में आरपीएफ के इंसपेक्टर नबी रसूल और स्थानीय युवक शाहरुख आलम ने बड़ी मेहनत कर एक स्थानीय डॉक्टर को बुलवाया, जिन्होंने नाल काटने के अलावा जरूरी उपचार किया. जच्चा-बच्चा की स्वास्थ्य जांच की और दवा दी. करीब डेढ़ घंटे बाद ट्रेन ने वहां से प्रस्थान किया. बच्चा और जच्चा को स्वस्थ जानकर सभी सहयात्रियों ने चैन की सांस ली.