हावड़ा में हिंदी विश्वविद्यालय का सीएम ममता बनर्जी ने किया शिलान्यास
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को हावड़ा के दासनगर थाना क्षेत्र के इच्छापुर के पास आरुपाड़ा में राज्य के पहले हिंदी विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया. यह विश्वविद्यालय तीन एकड़ क्षेत्र में बनेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि आसनसोल और उत्तर बंगाल में भी इस हिंदी विश्वविद्यालय की शाखाएं होंगी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि […]
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को हावड़ा के दासनगर थाना क्षेत्र के इच्छापुर के पास आरुपाड़ा में राज्य के पहले हिंदी विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया. यह विश्वविद्यालय तीन एकड़ क्षेत्र में बनेगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि आसनसोल और उत्तर बंगाल में भी इस हिंदी विश्वविद्यालय की शाखाएं होंगी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि हिंदी विश्वविद्यालय को लेकर राज्य सरकार काफी पहले से प्रयास कर रही थी. हावड़ा की जिलाधिकारी चैताली भट्टाचार्य की कोशिश से आखिरकार जिले में जमीन मिली है. राज्य में काफी संख्या में हिंदीभाषी रहते हैं.
हिंदी विश्वविद्यालय बनने से उन्हें काफी लाभ होगा. सुश्री बनर्जी ने बताया कि विश्वविद्यालय का मुख्य भवन हावड़ा में होगा, जबकि आसनसोल व उत्तर बंगाल में इसकी शाखाएं खुलेंगी. उन्होंने कहा कि उनका सपना राज्य के हर जिले में एक विश्वविद्यालय बनाने का है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने आलिया विश्वविद्यालय, रानी रासमणि विश्वविद्यालय और प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के दूसरे कैंपस का निर्माण किया है. कामतापुरी, संथाली, बौद्ध, राजवंशी और अलचिकी भाषा की पढ़ाई शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि उनकी मातृभाषा बांग्ला है, लेकिन वह कामतापुरी, राजवंशी, हिंदी,उर्दू और तमिल सहित सभी भाषाओं को समान रूप से सम्मान करती हैं.
* तृणमूल शासनकाल में राज्य में खुले तीन हिंदी कॉलेज
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में राज्य में तीन हिंदी कॉलेज शुरू किये गये हैं. इनमें उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी के हाथीघीसा व डूआर्स के बानरहाट में हिंदी कॉलेज खुले हैं. आसनसोल में बीबी कॉलेज के एक शिफ्ट की पढ़ाई हिंदी में होती है.
सुश्री बनर्जी के मुख्यमंत्रित्व में ही उच्च माध्यमिक का प्रश्नपत्र हिंदी में देने का काम शुरू हुआ. विद्यासागर मुक्त विद्यालय में हिंदी भाषा में भी पढ़ाई शुरू हुई है. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का कहना है कि ममता बनर्जी की सरकार भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती है. बल्कि सभी को समान अधिकार व सुविधाएं मुहैया करायी जाती है.