कोलकाता : पश्चिम बंगाल में माकपा के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने तृणमूल कांग्रेस को विपक्ष में ‘भाजपा की सहायक’ बताते हुए लोगों से लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस या वाममोर्चा के मजबूत उम्मीदवारों को वोट देने का अनुरोध किया.
उन्होंने माना कि अगर राज्य में वाममोर्चा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर तालमेल हो गया होता तो बेहतर होता, क्योंकि इससे भाजपा विरोधी और तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोट ज्यादा से ज्यादा मिलते. माकपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया है कि केंद्र में भाजपा के शासनकाल में आम लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं.
वाममोर्चा यह सुनिश्चित करना चाहता है कि राज्य में भाजपा विरोधी और तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोट ज्यादा से ज्यादा मिले, इसलिए राज्य में सीटों के बंटवारे और उन छह लोकसभा सीटों पर आपस में नहीं लड़ने के समझौते की कोशिश की जिन पर पिछली बार कांग्रेस और वाममोर्चा के उम्मीदवार विजयी हुए थे लेकिन यह नहीं हो पाया.
उन्होंने कहा कि यह लोगों को निर्णय लेना होगा कि क्यों यह समझौता नहीं हुआ? राज्य में वाममोर्चा अब 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. राज्य में कुल 42 लोकसभा सीट हैं. यहां सात चरणों में चुनाव होंगे. माकपा और कांग्रेस ने वर्ष 2016 विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर समझौता किया था लेकिन वह तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में नाकाम रहीं.
यह पूछे जाने पर कि क्या माकपा केंद्र में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन करेगी जैसा कि उसने वर्ष 2004 में किया था, इस पर मिश्रा ने कहा कि वे केंद्र में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं. अगर वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार को भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारे समर्थन पर निर्भर रहने की जरूरत पड़ती है तो निश्चित तौर पर हम समर्थन देंगे.
उन्होंने विपक्ष का भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की कोशिशों पर तृणमूल कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसके पिछले राजनीतिक इतिहास के कारण भगवा पार्टी के खिलाफ उसकी लड़ाई पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आरोप के अनुसार विपक्ष की एकजुटता को लेकर ममता बनर्जी के तथाकथित प्रयास और कुछ नहीं, बल्कि भाजपा की मदद करने का जरिया मात्र है.