विरोध प्रदर्शन कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों पर लाठीचार्ज, 37 घायल

कोलकाता : मंगलवार को राज्य के विभिन्न अनुदान प्राप्त स्कूलों में कम्प्यूटर टीचर के रूप में काम कर रहे शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मिंटो पार्क के सामने विरोध प्रदर्शन किया. काफी संख्या में ये कम्प्यूटर शिक्षक यहां नारेबाजी करते हुए सरकार की नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी वहां पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2019 1:02 AM

कोलकाता : मंगलवार को राज्य के विभिन्न अनुदान प्राप्त स्कूलों में कम्प्यूटर टीचर के रूप में काम कर रहे शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मिंटो पार्क के सामने विरोध प्रदर्शन किया. काफी संख्या में ये कम्प्यूटर शिक्षक यहां नारेबाजी करते हुए सरकार की नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी वहां पुलिस ने आकर इनको भगाने की कोशिश की. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर लाठियां भी चलायीं.

इस विषय में वेस्ट बंगाल आइसीटी स्कूल कम्प्यूटर टीचर्स एसोसिएशन के बर्दवान जिले के सभापति विकास सोनकर ने जानकारी दी कि राज्य के विभिन्न अनुदान प्राप्त स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों को नियुक्त किया गया है. इनको 15,000 रुपये वेतन के रूप में दिये जाने की बात है लेकिन स्कूल केवल 4,600 रुपये ही वेतन दे रहा है. कहीं-कहीं किसी स्कूल में 5000 रुपये वेतन दिया जा रहा है, जो निर्धारित स्केल से काफी कम है.
शिक्षक इसकी शिकायत कई बार कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इसी के विरोध में वे मंगलवार को मिंटो पार्क के सामने विरोध प्रदर्शन करने लगे, तभी पुलिस ने आकर उनके ऊपर लाठीचार्ज किया. इसमें कुछ महिला शिक्षिकाओं को भी चोटें आयी हैं. उनका कहना है कि इस लाठीचार्ज व धक्का-मुक्की में 37 शिक्षक घायल हो गये.
इनमें से गंभीर रूप से घायल 20 शिक्षक पीजी अस्पताल में भर्ती हैं. मिंटो पार्क से भगाये जाने के बाद वे अपनी गुहार लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के घर पहुंचे. उनके घर के बाहर वे धरना देकर अभी भी बैठे हुए हैं, लेकिन मंत्री या उनके किसी भी सहयोगी ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है. यहां भी इनको पुलिस भगाने पर तुली हुई है. धरना दे रहे कुछ शिक्षकों का कहना है कि अगर यहां से भगा दिया गया तो वे पीजी हॉस्पिटल के सामने धरना देंगे.
उनके कुछ शिक्षक लाठीचार्ज में घायल हो गये हैं, उनको उपचार के लिए पीजी में भर्ती करवाया गया है. अगर उनकी मांगें नहीं सुनी गयी तो वे वहीं पर धरने पर बैठ जायेंगे. सरकार को कम्प्यूटर शिक्षकों की समस्या व परेशानी को सुनना ही होगा व इसके शीघ्र समाधान की मांग लेकर शिक्षक धरने पर बैठ गये हैं.

Next Article

Exit mobile version