सीबीएसइ बोर्ड ने न्यूनतम पास मार्क्स नियम में किया बदलाव

बोर्ड ने हर विषय में न्यूनतम पास मार्क्स 35 से कम कर 33 किया कोलकाता : सामान्यतः कक्षा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा के समय छात्र तनाव में आ जाते हैं. परीक्षा में अच्छे अंक आयेंगे कि नहीं, वे पास होंगे अथवा फेल, इसका भय उनको सताता रहता है. छात्रों को तनावमुक्त करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2019 1:55 AM

बोर्ड ने हर विषय में न्यूनतम पास मार्क्स 35 से कम कर 33 किया

कोलकाता : सामान्यतः कक्षा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा के समय छात्र तनाव में आ जाते हैं. परीक्षा में अच्छे अंक आयेंगे कि नहीं, वे पास होंगे अथवा फेल, इसका भय उनको सताता रहता है. छात्रों को तनावमुक्त करने के लिए प्रायः सभी शिक्षा बोर्ड की ओर से हर विषय में न्यूनतम पासिंग मार्क्स का नियम बदल दिया गया है.
पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जहां न्यूनतम पासिंग मार्क्स 33 से घटाकर 25 कर दिया गया है. वहीं सीबीएसइ बोर्ड में भी अब छात्रों की सुविधा के लिए नियम बदल दिया गया है. सीबीएसइ बोर्ड ने न्यूनतम पासिंग मार्क्स 35 से 33 कर दिये गये हैं. अगर कोई छात्र किसी विषय में फेल हो जाता है तो सीबीएसइ परीक्षा में तीन बार वह सप्लीमेंट्री या कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए बैठ सकता है. विद्यार्थियों में तनाव का स्तर कम करने के लिए ऐसी नीति बनायी गयी है.
कक्षा 12वीं के छात्र को लिखित व प्रैक्टीकल परीक्षा में 33 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे. ऐसा विभिन्न सिलेबस कमेटियों की परार्मश पर किया गया है. बंगाल में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा के नतीजे जून के प्रथम सप्ताह में घोषित किये जाने की संभावना है. पासिंग मार्क्स का क्राइटेरिया बदलने से छात्र व शिक्षक काफी संतुष्ट हैं.
आइसीएसइ परीक्षा (कक्षा 10) में पासिंग मार्क्स 35 से 33 व आइएससी (कक्षा 12वीं) में पासिंग मार्क्स 40 से घटा कर 35 कर दिये गये हैं. बोर्ड की परीक्षा में पास होने पर वे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग ले पायेंगे. बंगाल शिक्षा बोर्ड की सिलेबस कमेटी के एक सदस्य का कहना है कि नयी सिलेबस कमेटी की सिफारिश पर ऐसा किया जा रहा है, ताकि परीक्षा को लेकर छात्रों का फोबिया कम किया जा सके.

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