हेरिटेज संरक्षण के साथ कॉम्प्लेक्स निर्माण की कवायद
राज्य हेरिटेज कमीशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने किया अलीपुर सेंट्रल जेल का दौरा जेल के इतिहास को म्यूजियम में संजोने को लेकर चल रहा विचार विमर्श आजादी के पहले व बाद के इतिहास को लाइटों में संजोने की शुरू होगी प्रक्रिया कोलकाता : आजादी के पहले व बाद के इतिहास का गवाह रहनेवाले अलीपुर सेंट्रल […]
- राज्य हेरिटेज कमीशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने किया अलीपुर सेंट्रल जेल का दौरा
- जेल के इतिहास को म्यूजियम में संजोने को लेकर चल रहा विचार विमर्श
- आजादी के पहले व बाद के इतिहास को लाइटों में संजोने की शुरू होगी प्रक्रिया
कोलकाता : आजादी के पहले व बाद के इतिहास का गवाह रहनेवाले अलीपुर सेंट्रल जेल में अंदर इसके हेरिटेज संरक्षण को लेकर राज्य हेरिटेज कमीशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को अलीपुर सेंट्रल जेल का दौरा किया.
इस टीम में कमीशन के वरिष्ठ सदस्य व पेंटर शुभप्रसन्ना के अलावा कोलकाता नगर निगम की तरफ से पार्थ दास के साथ राज्य के कारागार विभाग के अतिरिक्त सचिव नारायण सरकार के अलावा एआइजी (कारागार) विप्लव दास मौजूद थे.
जेल के विभिन्न हिस्सों में जाकर टीम के सदस्यों ने इसका जायजा लिया. बता दें कि इसी वर्ष इस जेल में रहनेवाले सभी कैदियों को दक्षिण 24 परगना के बारुइपुर में बने नये जेल में भेजा गया है. इसके बाद से यह जेल खाली पड़ा है.
जेल सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार की तरफ से इस जेल के एक हिस्से में अपार्टमेंट बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन साथ ही इसके इतिहास को भी कैसे बेहतर तरीके से संजोहकर रखा जाये, इसकी भी कोशिश हो रही है. जेल सूत्र बताते हैं कि इस जेल के अंदर प्रिंटिंग प्रेस, नेताजी सुभाष चंद्रबोस का सेल समेत कई स्वाधीनता संग्रामियों के कक्ष, यहां का वाच टावर इसमें शामिल है.
इस मामले में शुभप्रसन्ना ने बताया कि जेल के प्रत्येक वार्ड का दौरा किया गया है. अंदर मौजूद सभी हेरिटेज जगहों को लाइटिंग के सजाकर रखने पर विचार किया गया है, इसके साथ जेल के अंदर बनने वाले म्यूजियम में भी स्वतंत्रता संग्रामियों से जुड़ी यादों को संरक्षित रखने पर सहमति बनी है.
जेल के अंदर प्रवेश करने के द्वार व सभी दीवारों को वैसे ही रखा जायेगा. ज्ञात हो कि राज्य सरकार की इस योजना के तहत अलीपुर के प्रेसिडेंसी जेल व महिला जेल को भी जल्द खाली करवाया जायेगा. इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गयी है.