ममता बनर्जी ने इलेक्शन कमीशन से बंगाल में निष्पक्ष मतदान कराये जाने का किया अनुरोध

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से कुछ घंटे पहले शनिवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में भाजपा के हस्तक्षेप के बिना ‘शांतिपूर्ण और निष्पक्ष’ ढंग से चुनाव संपन्न कराया जाना सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया. इसे भी देखें : कोलकाता में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2019 9:47 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से कुछ घंटे पहले शनिवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में भाजपा के हस्तक्षेप के बिना ‘शांतिपूर्ण और निष्पक्ष’ ढंग से चुनाव संपन्न कराया जाना सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया.

इसे भी देखें : कोलकाता में हिंसा के बाद बोलीं ममता बनर्जी, अमित शाह गुंडा, क्या करोगे, मेरा गला काटोगे?

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने अपने आधिकारिक लेटरहेड पर लिखे पत्र में कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रविवार को होने वाला मतदान ‘केन्द्र सरकार के अनुचित हस्तक्षेप’ और ‘केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी के हस्तक्षेप’ के बिना संपन्न हो.

बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखे पत्र में कहा कि लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान रविवार को है. मैं आपके कार्यालय से अनुरोध करूंगी कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से, निष्पक्ष रूप से और केंद्र सरकार के किसी भी अनुचित हस्तक्षेप तथा केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा किसी भी दखल के बिना पूरा कराया जाये.

उन्होंने चुनाव आयोग से ‘देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और संघीय ढांचे की रक्षा करने और विपक्षी दलों के प्रति उचित सम्मान बढ़ाने’ का अनुरोध किया. चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए बनर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार और केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी (भाजपा) के प्रभाव के कारण राज्य में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कई ‘अवैध, असंवैधानिक और पक्षपाती निर्णय’ देखे गये.

उन्होंने लिखा कि इसके परिणामस्वरूप न केवल राज्य प्रशासन और उसके अधिकारियों, बल्कि राज्य के आम लोगों को भी प्रताड़ित किया गया. इस संदर्भ में बनर्जी ने शहर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो को दी गयी अनुमति का भी जिक्र किया. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दो सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों की चुनाव आयोग के विशेष पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाये और कहा कि यह कानून के अनुसार नहीं है.

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