बंगाल : तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी विधायक शुभ्रांशु राय को किया 6 साल के लिए निष्कासित

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने बीजपुर से अपने विधायक और भाजपा नेता मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशु राय को पार्टी विरोधी बयानबाजी करने पर छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वह लगातार ऐसे बयान देते रहे. हमारी पार्टी की अनुशासनात्मक इकाई ने पार्टी सुप्रीमो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2019 9:24 PM

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने बीजपुर से अपने विधायक और भाजपा नेता मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशु राय को पार्टी विरोधी बयानबाजी करने पर छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वह लगातार ऐसे बयान देते रहे. हमारी पार्टी की अनुशासनात्मक इकाई ने पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ मशविरा करने के बाद उन्हें (शुभ्रांशु को) निष्कासित करने का फैसला किया है.’

बीजपुर से दूसरी बार के विधायक शुभ्रांशु ने इससे पहले संवाददाता सम्मेलन किया और अपने पिता के संगठन कौशल की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी को बढ़त देने का प्रयास किया लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाये क्योंकि उनके पिता उनसे बेहतर संगठनकर्ता हैं.

उन्होंने कहा, ‘आज मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि मैं अपने पिता से हार गया. वह बंगाल की राजनीति के असली चाणक्य हैं. हमारी पार्टी हार गयी है और लोगों ने हमारे खिलाफ वोट डाला. हमें यह स्वीकार करना चाहिए.’ बीजपुर विधानसभा क्षेत्र बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. तृणमूल कांग्रेस में कभी दूसरे नंबर के समझे जाने वाले मुकुल राय पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से संबंध खराब होने के बाद नवंबर, 2017 में भाजपा में शामिल हो गये थे.

इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय मुकुल राय को ही जाता है. इसी बीच, तृणमूल नेतृत्व ने चुनाव में खराब प्रदर्शन पर पहली बार चुप्पी तोड़ी. ममता बनर्जी ने कहा, ‘चुनाव हारने का मतलब हार नहीं होता है. यह राजनीतिक सफर का अभिन्न हिस्सा है. भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए झूठ फैलाया. यह अस्थायी दौर है जो शीघ्र ही बीत जायेगा.’

उन्‍होंने कहा कि पहले भी हमने दलों को 400 सीटें (कांग्रेस ने 1984 में) जीतते देखा है लेकिन यह जल्द ही टॉय टॉय फिस्स हो गया. इस मामले में वही होगा, देखिए और इंतजार कीजिए. भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटें जीती हैं. तृणमूल ने कड़े मुकाबले में 22 सीटें जीती है. कांग्रेस के खाते में दो सीटें आयीं.

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