राजीव कुमार को हाइकोर्ट से मिली बड़ी राहत
अदालत का निर्देश : अगला निर्देश आने तक कोलकाता से बाहर नहीं जा सकेंगे राजीव कुमार राजीव कुमार को अपना पासपोर्ट सीबीआइ के पास रखना होगा जमा राजीव कुमार कोलकाता में हैं, सीबीआइ के समक्ष रोजाना करनी होगी पुष्टि कोलकाता : सारधा चिटफंड मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव […]
अदालत का निर्देश : अगला निर्देश आने तक कोलकाता से बाहर नहीं जा सकेंगे राजीव कुमार
राजीव कुमार को अपना पासपोर्ट सीबीआइ के पास रखना होगा जमा
राजीव कुमार कोलकाता में हैं, सीबीआइ के समक्ष रोजाना करनी होगी पुष्टि
कोलकाता : सारधा चिटफंड मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार को गुरुवार को सुनवाई के दौरान बड़ी राहत दी है. ग्रीष्मकालीन वेकेशन बेंच के न्यायाधीश प्रतीक प्रकाश बनर्जी ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर 10 जून से एक महीने तक रोक लगा दी है.
अदालत सूत्रों के मुताबिक राजीव कुमार की तरफ से उनके वकील सुदीप्त मैत्र ने सीबीआइ द्वारा भेजे गये नोटिस को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट की के ग्रीष्मकालीन वेकेशन बेंच में गुरुवार सुबह को एक याचिका दायर की थी. अदालत ने कहा कि 10 जून को ग्रीष्मकालीन वेकेशन खत्म होने के बाद अदालत खुलेगी. 10 जून से एक महीने तक राजीव कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी. इस मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी. हालांकि उस सुनवाई में कोर्ट की जो राय होगी, वही मान्य होगी.
अदालत ने अपने निर्देश में राजीव कुमार के इस बीच कोलकाता से बाहर जाने पर रोक लगा दी है. सीबीआइ के बुलावे पर जांच एजेंसी के दफ्तर जाकर पूछताछ में सभी सवालों का सही जवाब देकर सीबीआइ की मदद करने का भी निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि राजीव कुमार को सीबीआइ के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा रखना होगा.
इतना ही नहीं, श्री कुमार कोलकाता में हैं, सीबीआइ के समक्ष इसे रोजाना सुनिश्चित भी करना होगा. इसके पहले सुनवाई में राजीव कुमार के वकील सुदीप्त मैत्र ने कहा कि : सीबीआइ इस मामले की जांच में अबतक सात सप्लीमेंटरी चार्जशीट अदालत में जमा दे चुकी है, जिसमें एक भी चार्जशीट में आरोपी के तौर पर राजीव कुमार का नाम नहीं है. सारधा मामले में दर्ज एफआइआर में राजीव कुमार के नाम का जिक्र नहीं है. उनके मुवक्किल के खिलाफ अबतक कोई नयी एफआइआर भी दर्ज भी नहीं हुई है. इससे पहले की जांच में राजीव कुमार सीबीआइ के आरोपी या गवाह की सूची में शामिल नहीं थे, अचानक ऐसा क्या हुआ, जिससे राजीव कुमार को गिरफ्तार करने के रास्ते पर सीबीआइ चलने लगी. सीबीआइ इस तरह का हथकंडा अपनाकर उनके मुवक्किल को सिर्फ परेशान कर रही है.
दूसरी तरफ, सीबीआइ के वकील वाइजे दस्तूर ने कहा कि राजीव कुमार सारधा मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (सीट) के प्रमुख थे. इस दौरान लाल डायरी समेत कई ऐसे सबूत जब्त किये गये, जिनका जिक्र सिजर लिस्ट में नहीं है. राजीव कुमार पहले की पूछताछ में भी कुछ नहीं बता रहे हैं, इसके कारण उन्हें राजीव कुमार से पूछताछ की जरूरत है.
जांच में उनके जुड़े होने के सबूत मिलने के बाद ही राजीव कुमार से पूछताछ का फैसला लिया गया. लेकिन वह सीबीआइ की किसी भी तरह से जांच में मदद नहीं कर रहे हैं. अब कलकत्ता हाइकोर्ट में इस मामले की सुनवाई 12 जून को होगी.