भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मंत्री नहीं, संगठन पर दिया जोर
बंगाल के केवल दो सांसदों को मिली केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह एसएस अहलुवालिया, दिलीप, अर्जुन और लॉकेट नहीं बनाये गये मंत्री कोलकाता : भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल में मंत्री नहीं, वरन संगठन पर जोर दिया. लोकसभा चुनाव में राज्य में पहली बार भाजपा के 18 सांसद नर्वाचित हुए थे तथा अगले वर्ष नगरपालिका […]
बंगाल के केवल दो सांसदों को मिली केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह
एसएस अहलुवालिया, दिलीप, अर्जुन और लॉकेट नहीं बनाये गये मंत्री
कोलकाता : भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल में मंत्री नहीं, वरन संगठन पर जोर दिया. लोकसभा चुनाव में राज्य में पहली बार भाजपा के 18 सांसद नर्वाचित हुए थे तथा अगले वर्ष नगरपालिका चुनाव और 2021 में विधानसभा चुनाव है. ऐसी स्थिति में राजनीतिक हलकों में यह चर्चा थी कि राज्य से कम से कम चार मंत्री बनाये जायेंगे, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में मात्र दो मंत्रियों : बाबुल सुप्रियो और देवाश्री चौधुरी को ही राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है.
जबकि इसक पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रहे एसएस अहलुवालिया को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, हुगली से निर्वाचित लॉकेट चटर्जी, बैरकपुर से निर्वाचित अर्जुन सिंह, दार्जिलिंग से निर्वाचित राजू विष्ट आदि को भी शामिल किये जाने की चर्चा थी, लेकिन इन लोगों को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष के एक्सटेंशन मिला है.
यह चुनाव सेमीफाइनल था, लेकिन अगला विधानसभा का चुनाव फाइनल होगा और उस चुनाव पर ही उन लोगों की निगाहें हैं, जहां तक मंत्रिमंडल में शामिल होने का सवाल है कि मंत्रिमंडल में विस्तार होता ही रहता है, लेकिन लोगों को ध्यान मंत्री पद पर नहीं, वरन संगठन विस्तार पर देना चाहिए.
दूसरी ओर, प्रदेश भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि बंगाल में संगठन को मजबूत किया जाये, क्योंकि लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद भाजपा को तृणमूल कांग्रेस की और कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में संगठन को मजबूत करना बहुत जरूरी होगा और यदि संगठन के लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो इससे संगठन कमजोर होता और केंद्रीय नेतृत्व फिलहाल पूरा फोकस संगठन विस्तार पर केंद्रित करना चाहता है.