”जय श्रीराम” से गर्मायी बंगाल की राजनीति, ममता बनर्जी को ”गेट वेल सून” कार्ड भेजेंगे बाबुल सुप्रियो

कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2019 तो खत्म हो गए, लेकिन पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच जारी जंग अभी थमी नहीं है. ‘दूर्गा पूजा’ के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल में अब ‘जय श्रीराम’ पर बवाल मचा हुआ है. ‘जय श्रीराम’ को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2019 9:22 AM

कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2019 तो खत्म हो गए, लेकिन पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच जारी जंग अभी थमी नहीं है. ‘दूर्गा पूजा’ के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल में अब ‘जय श्रीराम’ पर बवाल मचा हुआ है. ‘जय श्रीराम’ को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच दिन-प्रतिदिन राजनीतिक तकरार बढ़ती जा रही है. यहां जय श्री राम के नारों को लेकर जारी दंगल के बीच अब भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी को ‘गेट वेल सून’ के कार्ड भेजने की तैयारी में है.

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी एक अनुभवी नेता हैं लेकिन राज्‍य में ‘जय श्री राम’ के नारे पर उनका व्‍यवहार असामान्‍य और अजीब है. कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रदर्शन से सीएम ममता बनर्जी बौखला गयी हैं और उन्‍हें कुछ दिन के लिए ब्रेक ले लेना चाहिये. सुप्रियो ने कहा कि वह और उनके संसदीय क्षेत्र आसनसोल के लोग ममता बनर्जी को ‘गेट वेल सून’ के कार्ड भेजेंगे. सुप्रियो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी जिस पद पर वह हैं, उसकी गरिमा का उन्‍हें ध्‍यान रखना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री बोले कि सोशल मीडिया पर कई मीम हैं जो ममता दीदी के ऊपर ही बन रहे हैं, ये अच्छा नहीं है. हमें लगता है कि उनके साथ ऐसा कुछ है जो दीदी के साथ अच्‍छा नहीं चल रहा है और उन्‍हें इसका जवाब देने की जरूरत है.

बता दें कि ‘गेट वेल सून’ के कार्ड से पहले भारतीय जनता पार्टी के सांसद अर्जुन सिंह ने ऐलान किया था कि वह ममता बनर्जी को दस लाख ‘जय श्री राम’ के लिखे हुए कार्ड भेजेंगे. जिस पर राजनीति गर्माई हुई है. दरअसल, बंगाल में जिस तरह भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन किया है, उससे ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है.

‘जय श्रीराम’ से उठा विवाद तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एक आंदोलन बनता जा रहा है. इससे नाराज तृणमूल कांग्रेस ने आंदोलन का राजनीतिक रूप से मुकाबला के लिए ‘जयहिंद वाहिनी’ और बंगजननी वाहिनी’ का गठन किया है. ‘जय श्रीराम’ की वजह से भविष्य में बंगाल की राजनीति में और भी उठापटक की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. अगले साल राज्य के विभिन्न नगरपालिकाओं के चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए आने वाले दिनों में ‘जय श्रीराम’ से उठा बवाल के बवंडर बनने की संभावना और बढ़ गयी है.

दरअसल, पूर्व मेदिनीपुर में लोस चुनाव प्रचार के दौरान ममता के काफिले के दौरान कुछ भाजपा समर्थकों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाये. इससे ममता भड़क उठीं और बाद में उनकी गाड़ी के सामने ‘जय श्रीराम’ बोलने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना का वीडियो वायरल होने के साथ ही भाजपा ने इसे चुनाव मुद्दा बना लिया.इसके कारण लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की. तृणमूल से भाजपा में गये सांसद अर्जुन सिंह पर तृणमूल के समर्थकों को बेघर करने और उन पर अत्याचार करने के आरोप लगे. बनर्जी नैहट्टी में अपनी खोयी जमीन पाने के लिए धरना का कार्यक्रम रखा, लेकिन हिंदी भाषी बहुल इलाके भाटपाड़ा, नैहट्टी से जब उनका काफिला गुजरने लगा, तो जमकर ‘जय श्रीराम’ के नारे लगने शुरू गये. इस मामले में आठ लोगों को हिरासत में ले लिया गया.

ममता बोली- भाजपा धार्मिक नारे का कर रही है राजनीतिक इस्तेमाल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि भाजपा धार्मिक नारे का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है. बनर्जी ने रविवार को अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि भाजपा के कुछ समर्थक मीडिया के एक वर्ग के साथ मिलकर फर्जी वीडियो, फर्जी न्यूज और गलत सूचना के जरिये घृणा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

सत्य और वास्तविकता को दबा रहे हैं. कहा कि बंगाल में राजाराम मोहन राय, विद्यासागर जैसे कई महान समाज सुधारक हुए हैं, जिन्होंने सौहार्द, प्रगति व साकारात्मक विचार की बातें कहीं हैं, लेकिन भाजपा अपनी सोची-समझी रणनीति के तहत बंगाल में नकारात्मक सोच को बढ़ावा दे रही है. कहा कि मुझे किसी राजनीतिक पार्टी की रैली में दिये गये किसी विशेष नारे से कोई परेशानी नहीं है. यहां गुंडागर्दी और घृणा फैलाने की कोशिश की जा रही है.

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