बशीरहाट इलाके में भाजपा का बंद आज, पूरे राज्य में पार्टी मनायेगी काला दिवस,12 को कोलकाता में निकलेगा महा धिक्कार जुलूस

कोलकाता : उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में शनिवार रात हिंसक झड़प में भाजपा के दो और तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत के बाद से क्षेत्र में भारी तनाव है. भाजपा और तृणमूल के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल ने संदेशखाली जाकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. रविवार शाम को पुलिस ने भाजपा नेताओं को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 5:23 AM

कोलकाता : उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में शनिवार रात हिंसक झड़प में भाजपा के दो और तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत के बाद से क्षेत्र में भारी तनाव है. भाजपा और तृणमूल के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल ने संदेशखाली जाकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. रविवार शाम को पुलिस ने भाजपा नेताओं को संदेशखाली में हिंसा में मारे गये दो भाजपा समर्थकों प्रदीप मंडल व सुकांत मंडल के शव को कोलकाता लाने से रोक दिया.

इसे लेकर मीनाखां के मालांचो मोड़ पर भाजपा और पुलिस के बीच लंबे समय तक तकरार हुई. भाजपा नेताओं ने शवों का सड़क पर ही अंतिम संस्कार करने की चेतावनी दे डाली, लेकिन बाद में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने घोषणा की कि मृतक की मां की शारीरिक स्थिति को देखते हुए मानवीय कारणों से फैसला बदल दिया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस के रवैये के खिलाफ सोमवार को बशीरहाट सब डिवीजन में 12 घंटे के बंद का एलान किया गया है.
सोमवार को पूरे राज्य में काला दिवस का पालन किया जायेगा और 12 जून को कोलकाता में वेलिंगटन स्क्वायर से कोलकाता पुलिस के मुख्यालय लालबाजार तक महा धिक्कार जुलूस निकाला जायेगा. राहुल सिन्हा ने कहा कि पुलिस द्वारा शव को कोलकाता ले जाने में बाधा दिये जाने के खिलाफ अदालत का भी रुख किया जायेगा. बाद में भाजपा कार्यकर्ता और मृतक के परिजन भाजपा समर्थकों के शव को संदेशखाली वापस ले गये और वहीं उनका अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया.
गौरतलब है कि रविवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में राहुल सिन्हा, लॉकेट चटर्जी, सायंतन बसु सहित अन्य नेताओं का प्रतिनिधिमंडल संदेशखाली गया था.
वहां भाजपा नेताओं ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की तथा मृतकों के शव को लेकर कोलकाता रवाना हुए, लेकिन दो बार पुलिस ने उनके वाहनों को रोकने की कोशिश की, जिससे वे बच निकले, लेकिन रविवार की शाम को मीनाखां के मालांचो मोड़ पर पुलिस ने भाजपा नेताओं व शववाहिनी वाहन को रोक दिया. पुलिस ने शवों को कोलकाता ले जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है. पुलिस की उपस्थिति में हत्या की गयी है. पार्टी के कुल आठ लोग मारे गये हैं. इनमें दो लोगों के शव मिले हैं. हम मृतक के परिजनों की अनुमति से शवों को कोलकाता ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी.
तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा – केंद्र का परामर्श बंगाल की जनता का अपमान
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को राज्य में हिंसा की घटनाओं को लेकर केंद्र के परामर्श को खारिज कर दिया और कहा कि यह पार्टी नेता ममता बनर्जी, राज्य की जनता और सरकार के खिलाफ भाजपा की राजनीतिक साजिश है. यह (परामर्श) राज्य की जनता का अपमान है.
केंद्र सरकार राज्य की निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रही है, लेकिन हमें डराया नहीं जा सकता है. राज्य की जनता इसका मुकाबला करेगी. तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने रविवार देर शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तृणमूल कांग्रेस मानती है कि यह सलाह पूरी तरह से असंवैधानिक है.
बंगाल सरकार भी अपने स्तर पर प्रतिक्रिया देगी. श्री चटर्जी ने कहा कि बंगाल में शांति का वातावरण है, लेकिन भाजपा एक राजनीतिक साजिश की तहत इसे अशांत करने के लिए पूर्वनियोजित योजना के तहत काम रही है. उन्हें भय दिखाया जा रहा है, लेकिन वह भयभीत होने वाले नहीं हैं. आम लोगों के साथ मिलकर इसका मुकाबला किया जायेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और गुजरात में हिंसक घटनाएं हुई हैं, लेकिन गृह मंंत्रालय उन्हें लेकर आंख बंद किये हुए है.
गृह मंत्रालय ने उन राज्यों को कोई सलाह नहीं दी है, जबकि बंगाल में साढ़े सात वर्षों के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में शांति की स्थिति बनी हुई है, लेकिन इसे राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अशांत करने की कोशिश की जा रही है. यह पूछे जाने पर भाजपा नेताओं द्वारा कहा जा रहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की स्थिति है, श्री चटर्जी ने कहा कि वे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा कर देेख लें‍. केंद्र सरकार पूरी तरह से गैर जनतांत्रिक रूप से काम कर रही है.
केंद्र ने हिंसा की घटनाओं पर जतायी चिंता, राज्य को कदम उठाने को कहा
कोलकाता : केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के हालात पर रविवार को गहरी चिंता जताते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद भी जारी हिंसा राज्य सरकार की नाकामी लगती है. राज्य सरकार को दिये परामर्श में गृह मंत्रालय ने उससे कानून-व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन बनाये रखने को कहा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट भी तलब की है.
केंद्र के परामर्श में कहा गया है : पिछले कुछ सप्ताह से जारी हिंसा राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने और जनता में विश्वास कायम करने में राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की नाकामी लगती है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर गहरी चिंता प्रकट की.
परामर्श के अनुसार यह सुनिश्चित करने की पुरजोर सलाह दी गयी है कि कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन चैन बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जायें. इसमें कहा गया : अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया जाता है. गृह मंत्रालय के अनुसार ताजा रिपोर्ट इशारा करती हैं कि शनिवार को उत्तर 24 परगना जिले में चुनाव बाद हुए संघर्ष में चार लोग मारे गये.
राज्य सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट, कहा – प्रशासनिक स्तर पर नहीं हुई लापरवाही
कोलकाता. संदेशखाली में हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने के तुरंत बाद राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार दे ने केंद्र को रिपोर्ट भेज दी है. मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में राजनीतिक हिंसा की कुछ घटनाएं ‍हुई हैं. कुछ असामाजिक तत्वों ने घटनाअों को अंजाम दिया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने बिना किसी विलंब के सभी मामलों में जरूरी कार्रवाई की है. उत्तर 24 परगना के नाजत थाना में संबंधित घटना को लेकर मामला दायर किया गया है.
पुलिस मामले की जांच कर रही है. इलाके में शांति लौटाने की कोशिश की जा रही है. सड़कों व पड़ोसी इलाकों में पुलिस की तैनाती की गयी है. पुलिस अधिकारियों द्वारा किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गयी है. इस मामले में कड़ी निगरानी रखी जा रही है. राज्य की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. इसे कानून-व्यवस्था की स्थिति संभालने में किसी तरह की असफलता के रूप में नहीं देखा जाये.
पीएम से बधाई देने के लिए मिलूंगा न कि हिंसा पर रिपोर्ट देने के लिए : राज्यपाल
कोलकाता. राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि वह सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर दोबारा देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्हें बधाई देंगे. राज्यपाल ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा जा रहा था कि वह चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी देंगे.
हालांकि उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प पर चिंता व्यक्त की. राज्यपाल ने कहा: मैंने प्रधानमंत्री से उन्हें लोकसभा चुनाव जीतने और फिर से प्रधानमंत्री बनने की बधाई देने के लिए मिलने का समय मांगा था.
मैं यहां (नयी दिल्ली) इसलिए ही आया हूं. मीडिया में ऐसी खबरें आयी थीं कि वह मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान एक रिपोर्ट भी सौंपेंगे. राज्यपाल ने कहा :ऐसी कोई चीज तय नहीं है. दरअसल मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली जाकर बधाई देने का समय नहीं मिल पाया था. मैंने उनसे बातचीत के लिए समय मांगा और मुझे कल का समय मिला है. हालांकि उन्होंने शनिवार को हुई हिंसा में मारे गये लोगों और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की.

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