पोलर ओडिसी की चुनौती को तीन भारतीय राइडरों ने किया पूरा

कोलकाता : भारत के तीन बाइक चालकों ने पोलर ओडिसी की चुनौती को पूरा किया है. किसी भी भारतीय द्वारा दुनिया की पहली पोलर ओडिसी की यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. बजाज डॉमिनार पर तीन भारतीय राइडर – दीपक कामथ, अविनाश पीएस व दीपक गुप्ता ने 99 दिनों की यात्रा में तीन महाद्वीपों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2019 2:10 AM

कोलकाता : भारत के तीन बाइक चालकों ने पोलर ओडिसी की चुनौती को पूरा किया है. किसी भी भारतीय द्वारा दुनिया की पहली पोलर ओडिसी की यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. बजाज डॉमिनार पर तीन भारतीय राइडर – दीपक कामथ, अविनाश पीएस व दीपक गुप्ता ने 99 दिनों की यात्रा में तीन महाद्वीपों के 15 देशों से गुजरते हुए 51,000 किमी (औसतन 515 किमी प्रतिदिन) का सफर तय किया.

पोलर ओडिसी की चुनौती को पूरा करनेवाले दीपक कामथ, पिछले 30 वर्षों से राइडिंग कर रहे हैं और वह डॉमिनार पोलर ओडिसी के टीम लीडर थे. अविनाश पीएस पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं और साथ ही वह बेहत उत्साही मोटरसाइकिल राइडर व फोटोग्राफर भी हैं. वहीं टीम के एक और सदस्य दीपक गुप्ता, ग्रुप ऑफ दिल्ली सुपर बाइकर्स (जीओडीएस) के सक्रिय सदस्य हैं.

99 दिवसीय इस यात्रा के दौरान डॉमिनार पोलर ओडिसी ने पूरे उत्तर व दक्षिण अमेरिका को कवर किया, जिसकी शुरुआत आर्कटिक क्षेत्र में टुकटॉयक्टुक के ऐंगकरेज से शुरू हुई और फिर नीचे की ओर बढ़ते हुए दुनिया के अंतिम छोर के तौर पर अर्जेंटीना के उशुआइया तक के सभी रास्तों से गुजरते हुए अंटार्कटिक तक पहुंची.

पोलस ओडिसी के दौरान राइडरों ने विभिन्न प्रकार के इलाकों, जलवायु व परिस्थितियों का सामना करते हुए किसी प्रकार के समर्पित सर्विस सपोर्ट अथवा बैक-अप टीम के बगैर ही पूरा कर लिया. यात्रा के दौरान राइडरों ने अंटार्कटिक में -22 डिग्री लेकर धरती के सबसे गर्म स्थान डेथ वैली, अमेरिका में +54 डिग्री तक के तापमान का सामना किया.

वहीं, इन्होंने दुनिया के कुछ बेहद खतरनाक सड़क जैसे आर्कटिक क्षेत्र में स्थित जेम्स डाल्टर हाइवे व द डेम्पस्टर हाइवे, अटाकामा रेगिस्तार का पैन व बोलिविया के द डेथ रोड पर सफर किया. डॉमिनार पोलर ओडिसी के सफलतापूर्व समापन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बजाज ऑटो लिमिटेड के उपाध्यक्ष (मार्केटिंग-एमसी) नारायण सुंदररमण ने कहा कि डॉमिनार पोलर ओडिसी दरअसल व्यक्ति व मशीन की प्रभावशाली साझेदारी का प्रतीक है. इस सफलता के लिए दीपक कामथ, अविनाश पीएस व दीपक गुप्ता बधाई के पात्र हैं.

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