-मानवता को खूंटी पर टांग अनशन पर बैठे चिकित्सक
कोलकाता : चिकित्सकों के अनशन से सरकारी अस्पतालों पर निर्भर रहने वाले जन-मन के जीवन में एकाएक अंधेरा छा गया है. क्योंकि इनके लिए सरकारी अस्पताल सेहत का मंदिर और चिकित्सक उन्हें निरोग करने वाले मसीहा. लेकिन एनआरएस मेडिकल कॉलेज में हुईं घटना के बाद रूख बदल सा गया है. देखते ही देखते राज्य की समूची स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा-सी गईं हैं. ऐसे में शुक्रवार सुबह उत्तर 24 परगना से एक वृद्ध पिता अपनी लेबर पेन में तड़पती बेटी को लेकर एनआरएस अस्पताल पहुंचे.
अस्पताल में उमड़ी भीड़ को देखकर वह पहले तो हैरान हो गये. जब पता चला तो वह धरना पर बैठे डॉक्टरों से कहा कि, ‘‘आप तो हमारे लिए धरती के भगवान हैं. आपको चोट पहुंचाने की बात तो हम कभी सोच भी नहीं सकते हैं. क्योंकि सरकारी अस्पताल के कारण ही हम जिंदा हैं. सबकी ओर से हम आपसे माफी मांग रहे हैं. आपसे एक गुजारिश है मेरी बेटी को बचा लें. वह लेबर पेन से तड़प रही हैं. जच्चा-बच्चा अब आपके ही हवाले हैं. हमारे पास उतने पैसे भी नहीं हैं कि हम किसी प्राइवेट अस्पताल जाएं. कृपा करके काम पर लौंट आएं. हम गरीब-गुरबन की खातिर…
उधर, चिकित्सकों का कहना हैं हम भगवान नहीं इंसान हैं. हमें काम करने के लिए भय मुक्त वातावरण चाहिए और जब सरकार हमें सुरक्षा प्रदान नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रहेगा.