आनंद कुमार सिंह
मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार मानसून ने विलंब से आने का 14 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आमतौर पर बंगाल में आठ जून तक मानसून दस्तक दे देता है, लेकिन इस बार इसमें देर हो रही है. वर्ष 2005 में 20 जून को बंगाल में मानसून आ गया था. वर्ष 2019 में यह रिकॉर्ड टूट रहा है. बंगाल के रिकॉर्ड की बात करें तो सर्वाधिक विलंब वर्ष 1983 में देखने को मिला था, जब 26 जून को मानसून आया था. वर्ष 1986 में यह 20 जून को आया था जबकि वर्ष 1992, 1995 और 2014 में 18 जून को. वर्ष 1993, 2003, 2012 और 2016 में 17 जून को आया था जबकि वर्ष 2015 में 19 जून को.
इस बार मानसून के विलंब से आने के संबंध में मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘अल नीनो’ और चक्रवात ‘वायु’ के प्रभाव की वजह से ऐसा हुआ है. इसके अलावा इस वर्ष जून महीने तक बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र नहीं बना था हालांकि एक जून से 18 जून तक सामग्रिक तौर पर दक्षिण बंगाल में बारिश की 61 फीसदी कमी बतायी जा रही है. जून के बाकी दिनों में होने वाली बारिश से इसके पूरा होने की संभावना कम है.