लड़कियों की शिक्षा से ही आगे बढ़ेगा समाज

कोलकाता : मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से शुक्रवार को महिला सशक्तीकरण पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें कुछ महिला अचीवर्स ने भाग लिया. कार्यक्रम में कई सामाजिक सस्थाओं से जुड़ी फैशन डिजायनर अग्नीमित्रा पॉल ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति धारणा आज बदल गयी है. लड़कियों को शिक्षा से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2019 2:27 AM

कोलकाता : मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से शुक्रवार को महिला सशक्तीकरण पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें कुछ महिला अचीवर्स ने भाग लिया. कार्यक्रम में कई सामाजिक सस्थाओं से जुड़ी फैशन डिजायनर अग्नीमित्रा पॉल ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति धारणा आज बदल गयी है.

लड़कियों को शिक्षा से जोड़ा जा रहा है. शिक्षा व दक्षता विकास प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त किया जा सकता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें. आजकल कम पढ़ी-लिखी महिलाओं के लिए भी रोजगार के कई विकल्प तैयार हो रहे हैं. ऐसी कई संस्थाओं के साथ मैंने काम किया है, जहां दिव्यांग बच्चों को भी शिक्षा के जरिये समाजिक रूप से मजबूत बनाया गया है. लड़कियों की शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ेगा.

उनका कहना है कि वह बचपन में डॉक्टर बनना चाहती थीं, क्योंकि उनके पिता डॉक्टर हैं. वो बचपन से ही अपने पिता जैसा बनना चाहती थीं लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. वनस्पति विज्ञान से स्नातक करने के बावजूद वह फैशन डिजाइनर बन गयीं. जिस क्षेत्र में रुचि हो, महिलाओं को उसी में आगे बढ़ना चाहिए. कार्यक्रम में सोशल एंटरप्रेन्याैर मलिका वर्मा ने कहा कि टेक्नोलॉजी के इस दाैर में चीजें तेजी से बदल रही हैं.

लड़कियों की शिक्षा के प्रति समाज में जागरुकता आयी है, जो एक बड़े बदलाव का प्रतिक है. महिलाएं आज बिजनेस में भी आगे बढ़ रही हैं. सत्र में फूड कॉलमिस्ट व रेस्टोरेंट व्यवसाय चलाने वाली बिजनेस वीमेन स्नेहा सिंघी ने कहा कि महिलाएं अपने हुनर को पहचानें. वह शुरू से ही शैफ बनना चाहती थी लेकिन उनके पिता को यह मंजूर नहीं था. बाद में मां का सपोर्ट मिला तो वे इस क्षेत्र में आगे बढ़ीं. आज वह अपना व्यवसाय कुशलता से चला रही हैं.

उनकी उपलब्धियों के लिए बीबीसी गुड फूड पेस्ट्री शैफ ऑफ द ईयर इंडिया 2018 का अवार्ड मिला है. अपने हुनर के दम पर महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. इसमें परिवार भी सहयोग कर रहा है. वहीं फैशन डिजायनर सरबरी दत्ता ने कहा कि महिलाओं की जिस क्षेत्र में रूचि हो, उसी में आगे बढ़ना चाहिए. तभी उनको सफलता मिलेगी.

उन्होंने कभी कोई फैशन की पढ़ाई नहीं की, जो भी उनके दिमाग में आता वो कागज या कपड़े पर उतार देती थीं. उन्होंने अपनी करीयर की शुरुआत 1991 में की. जब लोगों को फैशन के बारे में उतनी समझ भी नहीं थी. उन्हें भारत की संस्कृति और पंरपरा से काफी प्रेरणा मिलती है. कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्र की कई महिलाओं ने भाग लिया. धन्यवाद ज्ञापन एमएलएफ की सदस्य वंदना सोंथलिया ने दिया.

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