घरों की बिक्री के पंजीकरण में 13% की गिरावट
नाइट फ्रैंक इंडिया की सर्वे रिपोर्ट जारी, स्टैंप ड्यूटी में छूट बंद होने पर दिखा खासा असर
कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने संपत्तियों के पंजीकरण के लिए दी जाने वाली स्टैंप ड्यूटी की छूट को बंद कर दिया है, जिसका असर राज्य में घरों की बिक्री पर देखने को मिला है. रियल इस्टेट कंसल्टेंसी, नाइट फ्रैंक इंडिया की ओर से रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता शहर क्षेत्र में जुलाई 2024 में 3,506 अपार्टमेंट पंजीकृत हुए थे. सरकार द्वारा फैसला वापस लेने के बाद यह पहला महीना है और इस दौरान शहर में कुल पंजीकरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. साल-दर-साल आधार पर, जुलाई 2024 में अपार्टमेंट पंजीकरण 13 प्रतिशत की गिरावट आयी है. महीने-दर-महीने आधार पर, जून 2024 के पंजीकरण की तुलना में 18 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी. गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से जुलाई 2021 से जून 2024 के बीच स्टैंप ड्यूटी की छूट के चरणबद्ध विस्तार की तीन साल की अवधि के दौरान शहर में 143,864 आवासीय संपत्तियां पंजीकृत हुईं. बताया गया है कि जुलाई 2023 की तुलना में जुलाई 2024 के अंत में 500 वर्ग फीट तक के यूनिट आकार की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो गयी. दिलचस्प बात यह है कि इसी अवधि के दौरान 501 से 1,000 वर्ग फीट तक के आकार वाले अपार्टमेंट की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से घटकर 47 प्रतिशत हो गयी है. इस संबंध में नाइट फ्रैंक इंडिया के वरिष्ठ निदेशक (पूर्व) अभिजीत दास ने कहा कि कोलकाता आवासीय बाजार ने प्रोत्साहनों के लाभों को देखते हुए, स्टांप ड्यूटी लाभों को वापस लेने और सर्किल दरों में बदलाव के प्रति उम्मीद के मुताबिक रिएक्ट किया है. पंजीकरण में गिरावट अगले महीनों में सामान्य होने की उम्मीद है क्योंकि खरीदारों की भावनाएं बदलाव के अनुरूप हो जायेंगी और हम जल्द ही पंजीकरण संख्या में पुनरुद्धार देखने की उम्मीद कर सकते हैं, खासकर जब हम त्योहारी सीजन के करीब हैं. देश की समग्र आर्थिक वृद्धि और स्थिरता आने वाले महीनों में बाजार की गति को स्वस्थ रखने में अपनी भूमिका निभायेगी. इस संबंध में क्रेडाई पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष व मर्लिन ग्रुप के चेयरमैन सुशील मोहता ने कहा कि स्टैंप ड्यूटी में छूट वापस लेने के बाद जुलाई में घरों के पंजीकरण में गिरावट देखी गयी है. पश्चिम बंगाल में स्टंप ड्यूटी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है. हम स्टाम्प ड्यूटी को युक्तिसंगत बनाने की अनुशंसा करते हैं, जिससे बिक्री में वृद्धि होगी और पश्चिम बंगाल सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.
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