13 सदस्यीय विशेष टीम ने मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज का किया दौरा

डॉ सरोज मंडल के नेतृत्व में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 12, 2025 12:42 AM

कोलकाता. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में प्रसूता की मौत की बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ी हुई है. घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित एक मेडिकल टीम एसएसकेएम (पीजी) कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ सरोज मंडल के नेतृत्व में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया. शनिवार सुबह टीम के सदस्यों ने अस्पताल पहुंच कर पहले कॉलेज के प्रिंसिपल, अस्पताल अधीक्षक सह प्रसूता विभाग के सदस्यों के साथ बैठक की.

बैठक करीब दो घंटे तक चली. सेलाइन रिंगर लैक्टेट के आठ नमूने संग्रह किये. एक्सपायर्ड सेलाइन चढ़ाने की वजह से एक प्रसूता की मौत हुई है, जबकि चार की हालत गंभीर हो गयी थी. इनमें एक जनरल वार्ड में है, जबकि तीन प्रसूताओं की चिकित्सा क्रिटिकल केर यूनिट में चल रही है. इन तीन में से एक महिला की हालत गंभीर बनी हुई है. उसे वेंटिलेशन पर रखा गया है. हालांकि गंभीर रूप से बीमार इन मरीजों पर इलाज का असर दिख रहा है. उधर, अस्पताल पहुंचे विशेष मेडिकल टीम के सदस्यों ने पीड़िताओं के साथ मुलाकात भी की. इसके बाद जिले के सर्किट हाउस में मेडिकल टीम के सदस्यों ने जिलाधिकारी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के साथ सह जिले के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मेडिकल टीम के सदस्यों ने अस्पताल के प्रसूता विभाग के चिकित्सकों से इस घटना के संबंध में लिखित में उनकी प्रतिक्रियां मांंगी थी. चिकित्सकों ने अपनी प्रतिक्रिया मेडिकल टीम के सदस्यों को सौंप भी दी है.उधर, मेडिकल टीम की ओर से अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि अलगे आदेश के आने तक उक्त दवाओं का इस्तेमाल अस्पताल में ना किया जाये. साथ ही यह भी कहा गया है कि इस घटना की जांच की जा रही है कि कैसे एक्सपायर्ड सेलाइन प्रसूताओं को चढ़ायी गयी. इस मामले में दोषी पाये गये व्यक्ति के खिलाफ काड़ी से कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी. जल्द ही मेडिकल टीम के सदस्य अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपेंगे.

घटना की हो न्यायिक जांच

मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में एक प्रसूता की मौत की घटना को लेकर ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ जूनियर डॉक्टर्स (जेपीडी) की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया है कि प्रसूता की मौत के बाद भी शनिवार सुबह तक रिंगर लैक्टेट अस्पताल के स्टोर में है और ऐसी शिकायतें आयी हैं कि इसका उपयोग किया गया है. प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि यह एक संस्थागत भ्रष्टाचार है, जो प्रशासनिक-राजनीतिक समर्थन से लंबे समय से चल रहा है. ऐसे में संगठन की ओर से उचित कार्रवाई करने व न्यायिक जांच की मांग की गयी है.

शुभेंदु ने की डीसीजीआइ से जांच की मांग

मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कथित तौर पर एक्सपायर्ड सेलाइन से मौत मामले में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को घटना के लिए राज्य सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन से इस मामले की जांच कर जिम्मेदारी तय करने अपील की है. श्री अधिकारी ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि यह दुखद घटना पिछले वर्ष कर्नाटक में हुई इसी प्रकार की त्रासदी की याद दिलाती है, जहां चार माताओं की मृत्यु का कारण एक ही दोषपूर्ण रिंगर्स लैक्टेट (आरएल) सेलाइन का उपयोग था, जो इस विशेष फर्म पश्चिम बंग फार्मास्युटिकल लिमिटेड द्वारा आपूर्ति की गयी थी. श्री अधिकारी ने कहा कि तब कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पश्चिम बंग फार्मास्युटिकल लिमिटेड को ब्लैकलिस्ट करने का निर्देश दिया था, जिसने घटिया सेलाइन की आपूर्ति कर्नाटक राज्य चिकित्सा आपूर्ति निगम लिमिटेड को की थी. उक्त कंपनी के खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version