रोका हाई मास्ट लाइट कार्य

बस्तीन बाजार में नये सिरे से गरमाने लगा है माहौल आसनसोल : आसनसोल नगर निगम के कार्यादेश के बाद बस्तीन बाजार दुर्गामंदिर के सामने लगाये जा रहे हाई मास्ट लाइट का कार्य शुक्रवार को कुछ युवकों ने रोक दिया. उन्होंने निगम कर्मचारियों को वापस जाने पर मजबूर कर दिया. विरोध करनेवाले युवकों ने प्रशासक अमित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2014 5:59 AM

बस्तीन बाजार में नये सिरे से गरमाने लगा है माहौल

आसनसोल : आसनसोल नगर निगम के कार्यादेश के बाद बस्तीन बाजार दुर्गामंदिर के सामने लगाये जा रहे हाई मास्ट लाइट का कार्य शुक्रवार को कुछ युवकों ने रोक दिया. उन्होंने निगम कर्मचारियों को वापस जाने पर मजबूर कर दिया. विरोध करनेवाले युवकों ने प्रशासक अमित दत्त की गैर मौजूदगी में निगम सचिव को विरोध पत्र सौंपा. इधर इस प्रतिवाद से आम जनता में खाफी आक्रोश है.

उनका कहना है कि निगम बोर्ड के निर्णय का विरोध कुछ लोगों को करने का कोई अदिकार नहीं है. धार्मिक स्थल पर प्रकाश की व्यवस्था करना जन विरोधी कार्य नहीं हो सकता. इधर निवर्त्तमान निगम चेयरमैन जितेंद्र तिवारी ने कहा कि निगम के कार्यो में बाधा डालनेवालों के खिलाफ निगम प्रशासन प्राथमिकी दर्ज कराये.

सनद रहे कि निगम बोर्ड की बैठक में विभिन्न धार्मिक स्थलों के पास श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हाई मास्ट लाइट लगाने का निर्णय लिया गया था. इसी के तहत बस्तीन बाजार में स्थित दुर्गामंदिर के सामने भी हाई मास्ट लाइट लगाया जाना है. इसके लिए छह लाख से अधिक रुपये की राशि निवेश होनेवाली है. शुक्रवार की सुबह निगम के कर्मचारी वहां हाइ मास्ट लाइट लगाने का कार्य शुरू किया. अचानक स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों का विरोध किया जाने लगा. उन्हें कार्य बंद कर वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया गया. कर्मी बैरंग लौट गये.

विरोध कर रहे असलम परवेज, कमरूद्दीन खान, मोहम्मद आसीफ, इनामूल हक, शाह आलम खान आदि ने कहा कि हाई मास्ट लाइट लगने से उन्हें ही फायदा है. वे इसके विरोधी नहीं है. वे उसे सही जगह लगाना चाहते हैं. एंबुलेंस, दमकल वाहन आदि वाहनों के बाजार में आसानी से प्रवेश के लिए स्थल में बदलाव जरूरी है. इसे लेकर दुकानदारों ने 14 जून को तत्कालीन मेयर तापस बनर्जी को आपत्ति पत्र भी सौंपा था. लेकिन मामले पर विचार न कर शुक्रवार को इस लाइट को उसी जगह पर लगाने कर्मी आ गये.

उन्होंने कहा कि निगम सचिव को इस संबंध में विरोध पत्र सौंपा गया है.

कार्य रोके जाने से अन्य स्थानीय निवासियों में भारी रोष है. उनका कहना है कि निगम प्रशासन को तय करना होगा कि शहर में किसका शासन चलेगा? मंदिर के सामने हाइ मास्ट लाइट लगाने का निर्णय निगम बोर्ड का है. लेकिन कुछ युवकों ने उसे रोक दिया. इसके पहले भी निगम बोर्ड के निर्णय के अनुसार सड़क के किनारे पूर्व पार्षद स्व. घासी राम अग्रवाल के नाम का बोर्ड लगाने गये कर्मचारियों को कुछ युवकों ने रोक दिया था. इस स्थिति में निगम प्रशासन की चुप्पी से गलत संदेश जा रहा है. इससे क्षेत्र में भारी अराजकता फैलेगी. हर इलाके में कुछ युवक सरकारी निर्णय का विरोध करेंगे और निगम प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा.

स्थानीय नि:वर्तमान पार्षद शिव प्रसाद बर्मन ने कहा कि कुछ लोग हैं, जो विकास नहीं होने देना चाहते. इस लाइट के लगने से इलाके का ही विकास था, लेकिन कुछ लोग है जो विरोध करना जानते है और कर रहे हैं. यह विरोध उचित नहीं है. काफी प्रयास के बाद इस योजना को मंजूरी मिली थी.

निवर्त्तमान चेयरमैन श्री तिवारी ने कहा कि निगम प्रशासन को तय करना चाहिए कि प्रशासन नाम की कोई चीज शहर में बची है या नहीं. वहां हाई मास्ट लाइट लगाने का निर्णय सरकारी है. निगम प्रशासन सरकारी कामकाज में बाधा डालनेवाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें तथा इसके साथ ही लाइट लगाने की गारंटी करे.

उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अराजकता शहर के लिए नयी परेशानी खड़ा करेगी. उन्होंने कहा कि धर्म के ठेकेदार कुछ लोग नहीं हो सकते. समाज के अच्छे लोग जब तक सामने नहीं आयेंगे, तबतक धर्म व जति के नाम पर गलत लोग ही सामने आयेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों के अच्छे लोगों को सामने आकर इसका समाधान करना चाहिए.

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