पश्चिम बंगाल में अब मुस्लिम बहुल सरकारी स्कूलों में अलग डायनिंग हॉल, भाजपा गरम
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने स्कूलों के लिए एक आदेश जारी किया है जिसके तहत मुस्लिम छात्रों के लिए अलग से मिड-डे मील हॉल रिजर्व करने को कहा गया है. जानकारी के अनुसार आदेश सूबे के उन सरकारी स्कूलों पर लागू होगा जहां पर 70 फीसदी या उससे ज्यादा मुस्लिम छात्र पढ़ाई […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने स्कूलों के लिए एक आदेश जारी किया है जिसके तहत मुस्लिम छात्रों के लिए अलग से मिड-डे मील हॉल रिजर्व करने को कहा गया है. जानकारी के अनुसार आदेश सूबे के उन सरकारी स्कूलों पर लागू होगा जहां पर 70 फीसदी या उससे ज्यादा मुस्लिम छात्र पढ़ाई करते हैं. ममता सरकार के इस फैसले पर भाजपा गरम हो गयी है और सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है.
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee: The idea is to pool in funds from different departments so that the scheme can be effectively implemented. It was not supposed to divide students in any way. https://t.co/g3ps2Ow7Rw
— ANI (@ANI) June 28, 2019
सरकारी स्कूलों में मुस्लिम छात्रों के लिए अलग से डायनिंग हॉल बनाये जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह सर्कुलर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के कल्याण हेतु है. यह व्यवस्था तब लागू होगी जब अल्पसंख्यकों की संख्या ज्यादा होगी. यह तकनीकी मसला है, इसके अतिरिक्त कुछ नहीं… उन्होंने कहा कि यह विचार विभिन्न विभागों से फंड लेकर चलाने का है. इस योजना का छात्रों के बीच बंटवारे या भेदभाव से कुछ लेना देना नहीं है.
उक्त निर्देश राज्य अल्पसंख्यक और मदरसा शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया है. आपको बता दें कि यह विभाग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पास रखा है. इस विभाग में राज्य मंत्री गियास उद्दीन मुल्ला हैं. सर्कुलर के जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि धर्म के आधार पर छात्रों के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है ? इस अलगाव के पीछे कोई दुर्भावना तो नहीं है? एक और साजिश? इस सर्कुलर की कॉपी उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लगायी है.
1.2 Why this discrimination between the students on the basis of religion? Is there some other malafide motive behind this segregation?
Another conspiracy ?— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) June 27, 2019
यहां चर्चा कर दें कि भाजपा और टीएमसी के बीच यहां लोकसभा चुनाव के पहले से जंग जारी है और सूबे में 2021 में विधानसभा चुनाव होना है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए है. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने टीएमसी के वोट बैंक में जोरदार सेंधमारी की थी और लोकसभा की 18 सीटों पर कब्जा जमाया था.