मुख्यमंत्री ने दिया ”पानी बचाओ, बिजली बचाओ, पर्यावरण बचाओ’ का नारा

कोलकाता : देश के विभिन्न शहरों में पानी की किल्लत का खतरा बढ़ता जा रहा है. पूरे देश में कोलकाता शहर दूसरे स्थान पर है, जहां पानी संकट गहराता जा रहा है. पानी की बढ़ती समस्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिंता जाहिर की है और लोगों से जल संरक्षण करने की अपील की. शुक्रवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2019 1:38 AM

कोलकाता : देश के विभिन्न शहरों में पानी की किल्लत का खतरा बढ़ता जा रहा है. पूरे देश में कोलकाता शहर दूसरे स्थान पर है, जहां पानी संकट गहराता जा रहा है. पानी की बढ़ती समस्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिंता जाहिर की है और लोगों से जल संरक्षण करने की अपील की.

शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में राज्य के लोगों से पानी, बिजली व पर्यावरण बचाने का आह्वान किया. मुख्यमंत्री ने इसके लिए ‘पानी बचाओ, बिजली बचाओ, पर्यावरण बचाओ’ का नारा भी दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नारे के साथ अब पूरे राज्य में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार,

राज्य के 31 ब्लॉकों में भूगर्भ में पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है. इससे आनेवाले समय में यहां लोगों को जल संकट की समस्या से जूझना पड़ सकता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से पानी व पर्यावरण को बचाने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से कई जगहों पर पानी की समस्या देखी जा रही है. समीक्षा में पता चला है कि कई ब्लॉकों में स्थिति चिंताजनक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ‘जल धरो, जल भरो’ योजना को और वृहत्तर तरीके से क्रियान्वित करना होगा, ताकि और अधिक से अधिक जलाशयों का निर्माण किया जा सके.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सिंचाई के लिए भूगर्भ जल का कम प्रयोग करने का निर्देश दिया और किसानों से खेती के लिए वैकल्पिक संसाधनों का प्रयोग करने का आह्वान किया. मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से कहा कि वह अपने इलाके में सुनिश्चित करें कि सिंचाई के लिए भूगर्भ जल का कम से कम प्रयोग हो और किसानों को वैकल्पिक तरीके से सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराया जाये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नदियों व जलाशयों के जलस्तर की समीक्षा की जायेगी और उसके बाद उनका विकास किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में बांकुड़ा, बर्दवान, वीरभूम, हुगली जिले की नदियों व जलाशयों का विकास किया जायेगा और इसके लिए 2700 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए राज्य सरकार केंद्र से कोई मदद नहीं लेगी.

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