सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 % आरक्षण
सीएम की अगुआई में राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग को नहीं मिलेगा इसका लाभ राज्य सरकार की ओर से जल्द ही जारी की जायेगी अधिसूचना कोलकाता : राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का […]
सीएम की अगुआई में राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग को नहीं मिलेगा इसका लाभ
राज्य सरकार की ओर से जल्द ही जारी की जायेगी अधिसूचना
कोलकाता : राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है. यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले के क्षेत्र में मिलेगा. मंगलवार को विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कार्यालय में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. बैठक के बाद शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के लिए पहले से ही आरक्षण की व्यवस्था है. इन वर्गों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़ों को दस फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया गया है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार सलाना आठ लाख रुपये तक की आमदनी वाले सामान्य वर्ग के लोगों को दस फीसदी आरक्षण दे रही है. राज्य सरकार की योजना का लाभ पाने के लिए तैयार किये गये मानदंड के बारे में पूछे जाने पर श्री चटर्जी ने कहा कि बहुत जल्द इस संबंध में अधिसूचना जारी की जायेगी, जिसमें सभी नियमों व शर्तों का उल्लेख होगा. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार का यह आरक्षण केंद्र से बिल्कुल अलग होगा.
इस आरक्षण का केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गये आरक्षण से कोई संबंध नहीं है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जनवरी महीने में सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने इस योजना को यहां लागू करने से इनकार कर दिया था. अब तक गुजरात, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड सहित देश के आठ राज्यों ने केंद्र सरकार की योजना को अपने यहां लागू किया है. अब पश्चिम बंगाल सरकार भी राज्य के आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरी व शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने जा रही है.