कोलकाता : एसएसकेएम अस्पताल में हुआ पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण
कोलकाता : राज्य के इतिहास में पहली बार एसएसकेएम अस्पताल में बुधवार को सफल हृदय प्रत्यारोपण किया गया. साथ ही लीवर व किडनी का भी सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया. जानकारी के अनुसार हावड़ा के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को ब्रेन डेड घोषित की गयीं 48 वर्षीया अंजना भौमिक का हृदय, लीवर, किडनी, आंखें और […]
कोलकाता : राज्य के इतिहास में पहली बार एसएसकेएम अस्पताल में बुधवार को सफल हृदय प्रत्यारोपण किया गया. साथ ही लीवर व किडनी का भी सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया. जानकारी के अनुसार हावड़ा के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को ब्रेन डेड घोषित की गयीं 48 वर्षीया अंजना भौमिक का हृदय, लीवर, किडनी, आंखें और त्वचा दान किये जाने के बाद पांच लोगों को नयी जिंदगी मिली.
इसमें बुधवार सुबह शहर के एसएसकेएम अस्पताल में अंजना के शरीर से हृदय, लीवर व किडनी को सफलतापूर्वक दूसरे मरीज के शरीर में प्रतिस्थापित किया गया. अंग लेनेवाले सभी मरीजों की हालत स्थिर है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनकी निगरानी में जुटी है.
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक इसके लिए हावड़ा सिटी पुलिस व कोलकाता पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए हावड़ा के आंदुल स्थित प्राइवेट अस्पताल से कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल तक बुधवार सुबह ग्रीन कॉरिडोर बनाया. इसके बाद मृत महिला के अंगों को बुधवार सुबह आठ बजे सुरक्षित एसएसकेएम अस्पताल पहुंचाया जा सका.
सुबह आठ बजे से चिकित्सकों की टीम अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक वार्ड में इन मरीजों के शरीर में अंग प्रतिस्थापन के लिए ऑपरेशन शुरू किया. प्रत्येक ऑपरेशन चार से पांच घंटे तक चले. इसके बाद सभी मरीजों को आइसीयू व सीटीवीएस वार्ड में रखा गया है.
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक नदिया जिले के निवासी मृणमय विश्वास (30) के दिल में अंजना भौमिक का हृदय सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया है. वहीं बारासात की रहनेवाली रीना शी (53) के शरीर में अंजना का लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है, जबकि मुर्शिदाबाद के नौदा की रहनेवाली ज्योति बीबी के शरीर में अंजना की किडनी प्रत्यारोपित की गयी.
इसके अलावा हावड़ा के जिस अस्पताल में अंजना ब्रेन डेथ घोषित हुई थी, उस अस्पताल में हावड़ा के सांकराइल निवासी हारुन रशीद खान के शरीर में अंजना की एक और किडनी को ट्रांसप्लांट किया गया. उनकी दोनों आंखें मुकुंदपुर के आई हॉस्पिटल में सुरक्षित रखी गयी हैं. उनकी त्वचा को भी दान किया गया है, जिसे एसएसकेएम अस्पताल के त्वचा बैंक में संरक्षित कर लिया गया है.
बताया जा रहा है कि ग्रामीण हावड़ा के उदयनाराणपुर स्थित राजापुर गांव की निवासी अंजना भौमिक को रविवार को ब्रेन सेल स्ट्रोक हुआ था. पति संतोष भौमिक पेशे से चिकित्सक हैं. पत्नी की प्राथमिक चिकित्सा वह खुद ही कर रहे थे.
अपेक्षित सुधार नहीं होने पर रविवार को स्थानीय एक नर्सिंग होम में उन्हें भर्ती कराया गया. वहां तबीयत और बिगड़ने पर सोमवार अपराह्न करीब तीन बजे अंजना को आंदुल रोड में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान मंगलवार रात चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेथ घोषित कर दिया.
क्या कहते हैं चिकित्सक
एसएसकेएम अस्पताल के अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. रघुनाथ मिश्रा ने बताया कि सभी अंग प्रत्यारोपण सफल तरीके से संपन्न हुआ है, लेकिन ऐसी स्थिति में मरीजों के लिए अगला 48 घंटा काफी महत्वपूर्ण होता है. इसके कारण तीनों मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है. अगले 48 घंटे बाद स्थिति मरीजों के स्वास्थ को लेकर वे कुछ कह सकेंगे.
राज्य में नौ बार हो चुका है हृदय प्रत्यारोपण
बंगाल के इतिहास में अब तक सरकारी अस्पतालों में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो बार हृदय प्रत्यारोपण किया गया, लेकिन एसएसकेएम के इतिहास में यह पहली बार है. वहीं अन्य प्राइवेट अस्पतालों को मिला कर अब तक राज्य में नौ बार हृदय प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जा चुका है.