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खास बातचीत: अमर्त्य सेन पर विजयवर्गीय का वार- ”जय श्रीराम” नारे को प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं

अजय विद्यार्थीकोलकाता : ‘जय श्रीराम’ नारे को लेकर नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के बयान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधायकों को जनता से माफी मांगने के निर्देश और कट मनी लेकर राज्य की राजनीति गरमायी हुई है. मुख्यमंत्री जल संरक्षण को लेकर खुद पदयात्रा कर रही हैं और जनता के बीच अपनी पैठ बनाने […]

अजय विद्यार्थी
कोलकाता : ‘जय श्रीराम’ नारे को लेकर नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के बयान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधायकों को जनता से माफी मांगने के निर्देश और कट मनी लेकर राज्य की राजनीति गरमायी हुई है. मुख्यमंत्री जल संरक्षण को लेकर खुद पदयात्रा कर रही हैं और जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश की कर रही हैं, लेकिन भाजपा भी तृणमूल की चाल को चुपचाप नहीं देख रही है, बल्कि पटलवार कर रही है. लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद प्रदेश भाजपा के हौसले बुलंद हैं. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय दो दिनों से कोलकाता में डेरा डाले हुए हैं. राज्य के वर्तमान राजनीतिक हालात पर प्रभात खबर के विशेष संवाददाता अजय विद्यार्थी ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से बातचीत की. प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश :

सवाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी के विधायकों से जनता से माफी मांग कर जनसंपर्क बढ़ाने का निर्देश दिया है? भाजपा इसे किस रूप में देखती है? क्या मुख्यमंत्री फिर से जनता का दिल जीतने की कोशिश कर रही हैं?
जवाब : देखिये, मुझे बहुत प्रसन्नता है कि ममताजी का जनता ने अहंकार समाप्त कर दिया. ममता जी, जो बंगाल की जनता के साथ कीड़े-मकोड़े जैसा व्यवहार करती थीं. वह जो बम और बंदूक से बंगाल की जनता को डरा कर रखती हैं. जनता ने लोकसभा चुनाव में बुलेट का जवाब चुपचाप बैलेट से दे दिया, जिससे ममताजी का अहंकार समाप्त हो गया. अब वह स्वयं माफी मांग रही हैं और विधायकों से भी माफी मंगवा रही हैं. ममताजी, विधायकों से कट मनी लेकर आपके भतीजे ने जो रुपये जमा कर रखे हैं, उसके लिए क्या जनता आपको माफ करेगी? चिटफंड कंपनियों का करोड़ों रुपये आपने और आपके अधिकारियों ने खाये हैं. ये लगभग एक लाख करोड़ रुपये हैं? क्या जनता माफ करेगी? आपके कार्यकाल में 500 से ज्यादा राजनीतिक हत्याएं हुई हैं. भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस, माकपा और आपके तृणमूल के कार्यकर्ताओं की भी. क्या जनता इसके लिए आपको माफ करेगी? जो पाप आपने किये हैं, उसकी सजा जनता आपको अवश्य देगी.

सवाल : तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए कई नेता अब फिर तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट रहे हैं ?
जवाब : तृणमूल उन नेताओं को डरा रही है, धमका रही है. पुलिस उन्हें झूठे अपराध में फंसाने की कोशिश कर रही है. देखिये, डर से, भय से टीएमसी में ला सकते हैं, पर दिल से भाजपा को थोड़े ही निकाल सकते हैं. यहां लोगों के दिल में भाजपा है और लोकसभा चुनाव परिणाम से यह साबित हो गया है. अगले चुनाव में भी यह दिखेगा, क्योंकि अब बंगाल की जनता ने मन बना लिया है.

सवाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पानी के दुरुपयोग रोकने व जल संरक्षण के लिए आज पदयात्रा की है?
जवाब : सबसे ज्यादा अगर पानी का कहीं दुरुपयोग होता है, तो वह कोलकाता में होता है. आप यहां पानी बहता हुआ देख सकते हैं. ममताजी, प्रधानमंत्रीजी ने अपने ‘मन की बात’ में पानी संरक्षण की बात कही थी. उसे प्रैक्टिकल रूप में करिये. पैदल घूमने से जल का प्रबंधन ठीक नहीं होगा. नगर निगम के मेयर (फिरहाद हकीम) को प्रबंधन ठीक करने को कहें और कट मनी लेना बंद करें. कट मनी से ही उनको फुर्सत नहीं है.

सवाल : नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने ‘जय श्रीराम’ को लेकर बयान दिया है कि इस नारे का इस्तेमाल अब लोगों को पीटने के लिए होता है?

जवाब : भाई, अमर्त्य सेन कौन हैं? क्या वह इस मिट्टी से जुड़े हुए हैं? इस मिट्टी के बारे में उनको क्या पता है ? यहां भारत में क्या हो रहा है, क्या उन्हें इसकी जानकारी है? भारत की संस्कृति क्या है? भारत के संस्कार क्या हैं ? वह वास्तव में कम्युनिस्ट विचारधारा के हैं, जिन्होंने देश की संस्कार और संस्कृति को हमेशा खत्म करने की कोशिश की है. ये लोग जनता के मान्य लोग थोड़े ही हैं. जय श्रीराम नारे को इनके प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.

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