जल्द ही हिंदी में भी गूजेंगे रवींद्रनाथ टैगोर के गीतांजली के सुर, बांग्ला-अंग्रेजी में गीतों की सीडी लॉन्च
कोलकाता : कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की नोबल पुरस्कार प्राप्त रचना गीतांजली के सुर अब हिंदी में भी गूजेंगे. गीतांजली की गीतों को हिंदी में सुर देने की योजना बनायी गयी है तथा शीघ्र ही इसकी रिकार्डिंग भी शुरू होगी. रविवार को प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित तरुण भट्टाचार्य की संगीत, बांग्ला में चंद्रेयी (डॉ चंद्रेयी […]
कोलकाता : कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की नोबल पुरस्कार प्राप्त रचना गीतांजली के सुर अब हिंदी में भी गूजेंगे. गीतांजली की गीतों को हिंदी में सुर देने की योजना बनायी गयी है तथा शीघ्र ही इसकी रिकार्डिंग भी शुरू होगी. रविवार को प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित तरुण भट्टाचार्य की संगीत, बांग्ला में चंद्रेयी (डॉ चंद्रेयी दत्ता) और अंग्रेजी में वरुण चंद्र के सुरों की दो-भाषाओं की सीडी लॉन्च हुई.
आत्मन ऑडियो के बैनर तले बनी गीतांजली के द्विभाषी ऑडियो सीडी को रविवार को हो-ची-मिन्ह सारणी स्थित आइसीसीआर में प्रसिद्ध नाट्य कलाकार देवशंकर हाल्दार, पश्चिम बंगाल कविता अकादमी के चेयरमैन सुबोध सरकार, आइसीसीआर के क्षेत्रीय निर्देशक गौतम डे तथा लेखक पृत्वीराज सेन ने रिलीज किया.
इस अवसर पर पंडित तरुण भट्टाचार्य ने प्रसिद्ध तबला वादक ज्योतिर्मय राय चौधरी के संगत में संतूर के धुन भी बिखेरे. पंडित भट्टाचार्य ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर के गीतों को आप जितनी बार पढ़ते हैं. वह नया अर्थ और अनुभूति देता है. उनकी कविताओं के भाव नये रूप में उभर कर सामने आते हैं.
बांग्ला भाषा में चंद्रेयी ने और अंग्रेजी में अनुवादित कविताओं को वरुण चंद ने सुर दिया है. उन्होंने कहा कि उन लोगों की योजना है कि अंग्रेजी और बांग्ला के बाद हिंदी में भी गीतांजली के गीतों को सुर और संगीत दी जाए. उन्होंने कहा कि हालांकि पहले भी रवींद्र संगीत और गीताजंली के गीत हिंदी में गाये गये हैं, लेकिन वर्तमान में युवा पीढ़ी को रवींद्र संगीत से जोड़ने के लिए यह प्रयास किया जायेगा.
शिक्षाविद व गीतांजली के गीतों को बांग्ला में अपने सुर देने वाली चंद्रेयी का कहना है कि रवींद्रनाथ टैगोर का काव्य जगत एक समुद्र के समान है. हालांकि वह बचपन से ही रवींद्र नाथ के गीतों और कविताओं को अपनी आवाज देते रही हैं, लेकिन प्रत्येक बार अनुभव अलग-अलग होता है. इस बार गीतांजली की कविताओं अंग्रेजी और बांग्ला भाषा में सुर दिये गये हैं तथा भविष्य में हिंदी में भी सीडी बनाने की योजना है, क्योंकि हिंदी भाषा से राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में रवींद्र के गीत और संगीत को युवाओं तक पहुंचाया जा सकेगा. चंद्रेयी की अभी तक कुल 10 सीडी रिलीज हो चुकी है.