बंगाल : आकाशीय बिजली गिरने से मौत में इजाफा, पिछले वर्ष बंगाल के 300 लोगों की हुई मौत
।। अजय विद्यार्थी ।। कोलकाता : पूरे देश में आकाशीय बिजली से पिछले वर्ष पूरे देश में 3000 लोगों की मौत हुई है. इनमें से 10 फीसदी यानी 300 लोग पश्चिम बंगाल के हैं तथा वर्ष दर वर्ष इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. आकाशीय बिजली की स्ट्राइक रेट में भी अप्रत्याशित ढंग […]
।। अजय विद्यार्थी ।।
कोलकाता : पूरे देश में आकाशीय बिजली से पिछले वर्ष पूरे देश में 3000 लोगों की मौत हुई है. इनमें से 10 फीसदी यानी 300 लोग पश्चिम बंगाल के हैं तथा वर्ष दर वर्ष इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. आकाशीय बिजली की स्ट्राइक रेट में भी अप्रत्याशित ढंग से वृद्धि हुई है. यह प्रति वर्ष 2500 से बढ़कर 15000 हो गयी है.
मंगलवार को सोदपुर स्थित चंद्रचूड़ विद्यापीठ फॉर गर्ल्स में वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब (हैम रेडिया, पश्चिम बंगाल), इंडियन अकादमी ऑफ कम्युनिकेशन एंड डिजास्टर मैनेजमेंट तथा डिजास्टर मैनेजमेंट सेक्रेटारिएट ऑफ नार्थ 24 परगना द्वारा संयुक्त रूप से आकाशीय बिजली को लेकर आयोजित जागरूकता अभियान के दौरान लाइटिंग रेसिलेंट इंडिया कंपेन के संयोजक कर्नल संजय श्रीवास्तव ने कहीं. इस जागरूकता अभियान में लगभग छह सौ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया.
जून माह में आकाशीय बिजली से 458 की मौत
कर्नल श्रीवास्तव ने बताया कि जून माह में पूरे देश में आकाशीय बिजली गिरने से 458 लोगों की मौत हुई है. इनमें 316 यानी 69 फीसदी पुरुष, 143 यानी 31 फीसदी महिला तता 164 फीसदी यानी 35 फीसदी बच्चे हैं. मृतकों में 71 फीसदी वैसे लोग थे, जो बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़े थे और आकाशीय बिजली गिरने से उसके शिकार हो गये. उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली से मौत होने वालों में लगातार इजाफा हो रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग के कारण ज्यादा गिर रही हैं आकाशीय बिजली
कर्नल श्रीवास्तव ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आकाशीय बिजली गिरने की संख्या लगातार बढ़ रही है. गरम पृथ्वी पर जब बारिश होती है, तो वह भाप बन कर आकाश में जाता है और आकाश में वह भाप आकाशीय बिजली में बदल जाता है. इस कारण जिन-जिन इलाकों में ज्यादा गर्मी पड़ती हैं. उन-उन इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा घटती हैं. वर्तमान में बारिश भी नहीं होने के कारण यही हैं. आकाश में बादल आते हैं, लेकिन गरम हवा उन्हें पीछे ढकेल देती है. उन्होंने कहा कि छोटानागपुर पठार से पटकई पठार का क्षेत्र आकाशीय बिजली वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है.
आकाशीय बिजली से बचने के लिए जागरूकता पर जोर
हैम रेडियो वेस्ट बंगाल, रेडियो क्लब के अंबरीश नाग ने बताया कि आकाशीय बिजली से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है. मंगलवार को बच्चों को इससे बचने के टिप्स दिये गये. बारिश होने के समय पेड़ के नीचे नहीं खड़ा होने, तालाब में नहीं नहाने, खुले मैदान में नहीं खेलने आदि की सलाह दी गयी. आकाशीय बिजली से बचने के लिए यह जरूरी है कि अति शीघ्र पक्के मकान के नीचे आश्रय लें.