कोलकाता : पश्चिम बंगाल के निवर्तमान राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने पश्चिम बंगाल में अपने अनुभव को ‘खट्टा-मीठा’ बताया है. वह इस बात पर कायम रहे कि राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा तथा कानून-व्यवस्था की स्थति में सुधार होना चाहिए. अपने पांच साल के कार्यकाल में त्रिपाठी का तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ कई मौकों पर टकराव हुआ.
उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों उद्योगपति राज्य में निवेश के लिए इच्छुक नहीं हैं, जबकि सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर मेरा अनुभव खट्टा-मीठा रहा है बल्कि मीठा अनुभव अधिक रहा है. खट्टा इस अर्थ में रहा कि कभी-कभी पश्चिम बंगाल जो कुछ होता था, वह मेरे विचारों से मेल नहीं खाता था.’