बिहारी जुगाड़ : हावड़ा में दौड़ रहा टीवी, कूलर से लैस लग्जरी टोटो

जे कुंदन हावड़ा : यहां के शिवपुर इलाके में घूमते हुए अवनी मॉल के करीब कभी आपको टोटो (ई रिक्शा) में सवार होने का मौका मिले, तो संभव है कि आप एक ऐसे टोटो में खुद को पायेंगे, जो किसी लग्जरी कार से कम नहीं. कहते हैं कि शौक बड़ी चीज है. इसे बकुलतला इलाके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2019 7:12 AM
जे कुंदन
हावड़ा : यहां के शिवपुर इलाके में घूमते हुए अवनी मॉल के करीब कभी आपको टोटो (ई रिक्शा) में सवार होने का मौका मिले, तो संभव है कि आप एक ऐसे टोटो में खुद को पायेंगे, जो किसी लग्जरी कार से कम नहीं. कहते हैं कि शौक बड़ी चीज है.
इसे बकुलतला इलाके के रहनेवाले गौतम कुमार राय ने पूरी तरह से सही साबित किया है. कहने को तो वह एक टोटो चालक हैं, लेकिन अपने इस इलेक्ट्रिक वाहन को वह किसी महंगी लग्जरी कार से कम नहीं मानते.
इसे सजाने और संवारने में वह कोई कसर नहीं छोड़ते. जब हावड़ा के लोग भीषण गर्मी से निजात पाने की कोशिशों में जुटे थे, तब गौतम ने उन्हें राहत देने के लिए अपने टोटो में कूलर लगा लिया. इतना ही नहीं, टोटो में बैठ कर कोई अपना पसंदीदा टीवी कार्यक्रम मिस न करे, इसके लिए उन्होंने टोटो में ही टीवी लगा दिया है. वायफाय इंटरनेट के सहारे वह उस टीवी को चलाते हैं. वायफाय की सुविधा यात्रियों को भी उपलब्ध कराते हैं.
टोटो में बैठते ही उसका पासवर्ड बता देते हैं. आधुनिकता की अपनी इस मुहिम में गौतम किराये के पैसे पेटीएम के जरिये चुकाने की भी सुविधा देते हैं. इसके बदले वह अतिरिक्त पैसे नहीं लेते. कहते हैं, कई यात्री इतनी सुविधा हासिल करने के बाद खुद ही अतिरिक्त पैसे देना चाहते हैं. गौतम कहते हैं कि अब उनकी तमन्ना टोटो में फ्रिज लगाने की है.
1. इ रिक्शे में लगा रखा है स्पेशल डिजाइन में तैयार कूलर
2. जुगाड़ से तैयार अपने लक्जरी टोटो के साथ हावड़ा की सड़कों पर गौतम कुमार राय
3. इ रिक्शा में पैसेंजरों को वाइ-फाइ और टीवी की भी मिलती है सुविधा
बिहार के समस्तीपुर के रहनेवाले हैं गौतम
मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के रहनेवाले गौतम ने पिता के रिटायर होने पर दो वर्ष पहले टोटो चलाने का फैसला किया था. महज मैट्रिक पास होने की वजह से अच्छी नौकरी का वह सपना भी नहीं देखते थे. पिता ने टोटो खरीदने के लिए 1.20 लाख रुपये गौतम को दिये थे.
गौतम ने मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी. एक वर्ष तक टोटो चलाने के बाद, जो कमाई गौतम को हुई, उससे ही उन्होंने अपने टोटो को संवारा, लेकिन उन्होंने टोटो को आधुनिक रूप देने का फैसला क्यों किया, इस पर वह कहते हैं कि शौक बड़ी चीज है. उन्हें बेहद खुशी मिलती है, जब यात्री दूसरे टोटो को छोड़ कर उनके टोटो का इंतजार करते हैं. उनके टोटो की सुविधाओं का लुत्फ लेते हैं.

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