कोलकाता : नवागत और पुरातन के बीच विवाद के बीच बंगाल भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए शामिल हुए अन्य पार्टी के नेताओं को उनकी योग्यता के अनुरूप जिम्मेदारी देने का फैसला किया है. उल्लेखनीय है कि भाजपा में अन्य पार्टियों से शामिल होने को लेकर विवाद पैदा हुआ है. नवागत नेताओं का आरोप है कि उन्हें जिम्मेवारी नहीं दी जा रही है, जबकि पुराने नेताओं का आरोप है कि उनकी लड़ाई की अवहेलना पर नये लोगों को महत्व दिया जा रहा है.
दुर्गापुर में हुई पार्टी की चिंतन बैठक में नवागत व पुरातन विवाद को लेकर चर्चा हुई. प्रदेश भाजपा के महासचिव संजय सिंह ने ‘प्रभात खबर’ को बताया कि चिंतन बैठक में निर्णय किया गया कि पार्टी के कामकाज से पार्टी में शामिल हुए अन्य दलों के नेताओं को भी शामिल किया जायेगा. उन्हें कामकाज दिया जायेगा, ताकि वे खुद को अलग-थलग महसूस नहीं करें.
इसके साथ ही सभी कार्यकर्ताओं को मन लगाकर और आपस में मिलजुल कर काम करने का भी निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में माकपा व तृणमूल कांग्रेस के ऐसे कई विधायक व नेता शामिल हुए हैं, जिन्हें संगठन का लंबा अनुभव है. उनके अनुभव का संगठन विस्तार के कार्य में इस्तेमाल किया जायेगा.
उन्होंने स्वीकार किया कि जो नेता दूसरी पार्टी से आये हैं, उनकी संस्कृति और कार्यशैली भिन्न हैं, लेकिन उन्हें भाजपा की कार्यशैली और संस्कृति में ढाला जायेगा. भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है. अभी तक राज्य में 54 लाख सदस्य बनाये गये हैं. सदस्यता अभियान की तिथि 20 अगस्त से बढ़ायी गयी थी. संभावना है कि इसे और भी बढ़ायी जायेगी. 10 नवंबर तक मंडल कमेटी का गठन करना है. उसके बाद क्रमश: जिला, राज्य और केंद्रीय स्तर पर चुनाव होगा और नयी कार्यकारिणी का गठन होगा.
उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान में एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है तथा बूथ स्तर तक कार्यकर्ता तैयार किये जायेंगे, ताकि नगरपालिका चुनाव और विधानसभा चुनाव में भाजपा और मजबूत होकर उभरे. उन्होंने कहा कि बैठक में विधानसभा चुनाव और नगरपालिका चुनाव में जीत की रणनीति बनायी गयी है और भाजपा चुनाव में जीत हासिल करेगी और बंगाल में पहली बार भाजपा की सरकार बनेगी.