दुर्गापुर में भाजपा की जनसभा में जमकर हुआ हंगामा, चली कुर्सियां
– तृणमूल से भाजपा में शामिल किये जाने का कार्यकर्ताओं ने किया विरोध दुर्गापुर : दुर्गापुर गांधी मोड़ स्थित सर्कस मैदान में आयोजित भाजपा की जनसभा के दौरान बाराबनी के तृणमूल विधायक विधान उपाध्याय के रिश्तेदार मलय उपाध्याय को पार्टी में शामिल किये जाने को लेकर कार्यकर्ताओं ने भारी हंगामा किया. इस दौरान कुर्सियां तोड़ी […]
– तृणमूल से भाजपा में शामिल किये जाने का कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
दुर्गापुर : दुर्गापुर गांधी मोड़ स्थित सर्कस मैदान में आयोजित भाजपा की जनसभा के दौरान बाराबनी के तृणमूल विधायक विधान उपाध्याय के रिश्तेदार मलय उपाध्याय को पार्टी में शामिल किये जाने को लेकर कार्यकर्ताओं ने भारी हंगामा किया. इस दौरान कुर्सियां तोड़ी गयीं. कार्यकर्ताओं ने इसके लिए पार्टी जिलाध्यक्ष लखन घड़ुई को सीधे जिम्मेवार ठहराया.
आसनसोल के सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी शनिवार को कहा था कि फिलहाल किसी भी तृणमूल कार्यकर्ता को पार्टी में शामिल नहीं किया जायेगा. दल बदल कराने पर वे इसकी शिकायत पार्टी नेतृत्व से करेंगे.
विरोध का नेतृत्व कर रहे भाजपा कार्यकर्ता बप्पा माझी ने बताया कि मलय उपाध्याय तृणमूल कांग्रेस में सक्रिय थे. वह इलाके में बाराबनी के विधायक के साथ मिलकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किया करते थे. साथ ही इलाके में अवैध कोयला, लोहा, बालू के कारोबार के साथ लिप्त हैं. इस तरह के लोगों को पार्टी में शामिल करने से पार्टी का नाम बदनाम होगा.
उन्होंने बताया कि गोरंडी में भी मंत्री बाबुल सुप्रियो की सभा के दौरान वह पार्टी में शामिल होना चाहते थे, लेकिन वहां पर लोगों के विरोध के कारण वह शामिल नहीं हो सके. पार्टी नेतृत्व इस पर विचार करें. अन्यथा पार्टी कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा देंगे. भाजपा जिला अध्यक्ष लखन घोरुई ने बताया कि मलय उपाध्याय पिछले कुछ माह से पार्टी कर्मी के रूप में कार्य कर रहे थे.
पार्टी के वरीय नेताओं से चर्चा के उपरांत रविवार को उन्हें पार्टी में शामिल किया गया. उन्हें साधारण सदस्य रखा गया है. किसी भी सदस्य को उसकी योग्यता के आधार पर ही उन्हें पार्टी का दायित्व दिया जायेगा. कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया. जल्द सब कुछ सामान्य हो जायेगा. बाराबनी मंडल दो के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी में उनके शामिल होने से संगठन को फायदा होने के बजाय नुकसान होगा. जिसके कारण पार्टी हित में इसका विरोध किया गया.