छत्रधर महतो की आजीवन कारावास की सजा खारिज, साक्ष्य के अभाव में दो बाइज्जत बरी

छत्रधर के दो सहयोगी प्रसून चटर्जी और राजा सरखेल को हाइकोर्ट ने किया बाइज्जत बरी कोलकाता :कलकत्ता हाइकोर्ट ने बुधवार को लालगढ़ आंदोलन के मुख्य नेता रहे छत्रधर महतो को निचली अदालत द्वारा दी गयी आजीवन कारावास की सजा को खारिज कर दिया. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दो दोषियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2019 1:59 AM

छत्रधर के दो सहयोगी प्रसून चटर्जी और राजा सरखेल को हाइकोर्ट ने किया बाइज्जत बरी

कोलकाता :कलकत्ता हाइकोर्ट ने बुधवार को लालगढ़ आंदोलन के मुख्य नेता रहे छत्रधर महतो को निचली अदालत द्वारा दी गयी आजीवन कारावास की सजा को खारिज कर दिया. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दो दोषियों को बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया. बताया जा रहा है कि पुलिस की ओर से दिये गये साक्ष्य पर्याप्त नहीं थे, जिसके कारण दो लोगों को बाइज्जत बरी किया गया है. बरी हुए लोगों के नाम प्रसून चटर्जी और राजा सरखेल हैं.

दोनों छत्रधर महतो के सबसे बड़े सहयोगी थे. वहीं छत्रधर महतो के साथ उसके तीन साथियों सुख शांति बासके, शागुन मुर्मू और शंभू सोरेन की आजीवन कारावास की सजा को घटा कर 10 साल कर दिया गया. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मुमताज खान और न्यायाधीश जय सेनगुप्ता की खंडपीठ ने उक्त निर्देश दिये.

उल्लेखनीय है कि 2008 में 2 नवंबर को पश्चिम मेदिनीपुर के शालबनी के जामबेरिया स्थित जिंदल कारखाने का शिलान्यास करके वापस कोलकाता लौटते समय तत्कालिन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के काफीले के समाने राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर माओवादियों ने माइन विस्फोट कराया गया था. उस घटना के पीछे छत्रधर महतो का नाम सामने आया था. उसके बाद ज्ञानेश्वर एक्सप्रेस दुर्घटना में भी छत्रधर महतो का नाम आया था. उसके बाद 2009 में सितंबर में पुलिस संत्रास विरोधी जनसाधारण कमेटी के नेता छत्रधर महतो को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद 2015 में पश्चिम मेदिनीपुर जिला के कंचापहाड़ी में आइईडी विस्फोट हुआ था.

उसमें छत्रधर महतो समेत छह लोगों को मेदनीपुर जिला और दायरा अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. उसी समय इन लोगों ने हाइकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी. बुधवार को आखिरकार कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा रद्द कर दी है. वहीं न्यायमूर्ति ने कहा कि राजा सरखेल और प्रसून के खिलाफ जांच अधिकारियों ने पेश किये गये सबूत पर्याप्त नहीं हैं. इसलिए उन्हें बाइज्जत बरी किया जायेगा.

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