कोलकाता : जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किये जाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार से अब तक राम मंदिर निर्माण की मांग तेज होने लगी है. बुधवार को कोलकाता में विश्व हिंदू परिषद ने आशा जतायी कि नवंबर माह में राम मंदिर मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आ जायेगा और उसके बाद वे लोग राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर पायेंगे.
विश्व हिंदू परिषद की मासिक पत्रिका हिंदू विश्व वार्ता के विमोचन के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि न्यायाधीश गगोई ने प्रतिदिन राम मंदिर मामले की सुनवाई कर दी है. न्यायधीश गगोई 17 नवंबर को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं. उन लोगों को उम्मीद है कि अवकाशग्रहण करने के पहले ही राम मंदिर के निर्माण का फैसला देंगे और जब जमीन उन लोगों के हाथ में आ जायेगी, तो शीघ्र ही राम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो जायेगा.
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बहुत पहले हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन देर आये दुरुस्त आये. उन्होंने कहा कि जो लोग भी केंद्र के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं वे राष्ट्रवादी नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि कश्मीर की परिस्थिति शांत और नियंत्रण में होने के बावजूद भी कुछ लोग बदनामी फैलाने के लिए पुरानी तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं. सुरेंद्र जैन ने कहा कि लोगों के चलने के अधिकार को बाधित कर मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर नमाज पढ़ते हैं. यह बंद होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 34 सालों तक वामपंथी सरकारों ने और आठ सालों से तृणमूल ने पश्चिम बंगाल में कुशासन स्थापित किया है, लेकिन अब बंगाल के लोग एकजुट होने लगे हैं. हिंदुओं का नव जागरण हुआ है. लाखों लोग जन्माष्टमी, रामनवमी और हनुमान जयंती मना रहे हैं. यह शुभ संकेत है.