कोलकाता : सारधा चिट फंड और रोज वैली मामलों के संबंध में सीबीआइ की तरफ से तलब किये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार शुक्रवार को यहां सीबीआइ कार्यालय पहुंचे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि चटर्जी और कुमार दोनों दोपहर में एजेंसी के साल्ट लेक स्थित सीबीआइ कार्यालय पहुंचे.
सीबीआइ ने दो अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को दोनों को तलब किया था. अधिकारी ने बताया, ‘हां, चटर्जी और कुमार दोनों सीबीआइ के कार्यालय पहुंचे और संबंधित मामलों के जांच अधिकारी उनसे बात करेंगे.’ टीएमसी के महासचिव एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले चटर्जी ने इस संबंध में मीडिया की तरफ से पूछे गये सवालों के जवाब नहीं दिये.
चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हैं एवं विधायी मामलों का कार्यभार भी उन्हीं के पास है. एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि टीएमसी राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन से सारधा घोटाला की जांच के संबंध में नौ अगस्त को सीबीआइ की पूछताछ के दौरान चटर्जी का नाम सामने आया.
सूत्र ने कहा, ‘चटर्जी का नाम पिछले हफ्ते ओब्रायन से पूछताछ के दौरान सामने आया. हमें उनके नाम का पता पार्टी के समाचारपत्र, ‘जागो बांग्ला’ की कथित फंडिंग के संबंध में पता चला.’ संयोग से चटर्जी इस समाचारपत्र के संपादक हैं और ओब्रायन इसके प्रकाशक हैं.
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि कुमार से पूर्व में सीबीआइ अधिकारियों ने सारधा पोंजी घोटाला के संबंध में पूछताछ की गयी थी. कई करोड़ रुपये के रोज वैली घोटाला में उनकी भूमिका का पता लगाने के संबंध में उन्हें एजेंसी के अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा गया. प्रवर्तन निदेशालय के अनुमान के मुताबिक, रोज वैली घोटाला सारधा पोंजी घोटाले से कम से कम पांच गुणा ज्यादा बड़ा है.