बोले मोदी के मंत्री आठवले- पीओके तो भारत का है, युद्ध करके लेंगे वापस
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटाने के बाद अब केंद्र सरकार की नजर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर है. केंद्र सरकार पीओके को भी भारत में शामिल करना चाहती है. इस संबंध में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि पीओके तो भारत का ही हिस्सा था, जिस पर […]
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटाने के बाद अब केंद्र सरकार की नजर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर है. केंद्र सरकार पीओके को भी भारत में शामिल करना चाहती है. इस संबंध में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि पीओके तो भारत का ही हिस्सा था, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध तरीके से कब्जा किया है. अब हम पीओके को भारत में शामिल करने जा रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो युद्ध करके पीओके को कब्जा करेंगे. मंगलवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले और बौद्ध भिक्षु भंते तिस्सवरो कोलकाता स्थित प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने देश की राजनीतिक परिस्थिति सहित अन्य विषयों पर खुल कर बात की. प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश :
-ममता बनर्जी ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन होने का आरोप लगाया है, इस पर आपका क्या कहना है.
जवाब : जम्मू-कश्मीर से ज्यादा मानवाधिकार का उल्लंघन पश्चिम बंगाल में हो रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में यह देखने को मिला है. भाजपा का जिस प्रकार से जनाधार यहां बढ़ रहा है, इससे ममता बनर्जी चिंतित है. इसलिए यहां लोकतंत्र का हनन करते हुए भाजपा समर्थकों पर अत्याचार कर रही है. जहां तक जम्मू-कश्मीर की बात है, वहां मानवाधिकार को स्थापित करने के लिए अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाया गया है. अनुच्छेद 370 व 35ए हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल है. अब तक एक भी अप्रिय घटना वहां नहीं हुई है. वहां के लोगों ने केंद्र सरकार के फैसले को स्वीकार किया है. इस फैसले से वहां से आतंकवाद की समस्या खत्म हो जायेगी.
-लोकसभा में बंगाल में भाजपा को 18 सीटें मिली हैं. विधानसभा चुनाव से क्या उम्मीदें हैं.
जवाब : लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में बड़ी जीत दर्ज की है. बंगाल में भाजपा ने 18 सीटों पर कब्जा किया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 22. ऐसे में भाजपा व तृणमूल के बीच अंतर अधिक नहीं है. जिस प्रकार से बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ रहा है, वैसे में यह तय हो चुका है कि वर्ष 2021 में बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी. ममता बनर्जी पर से लोगों का विश्वास कम होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर माकपा को हरा कर ममता बनर्जी यहां सत्ता में आ सकती हैं तो भाजपा भी तृणमूल कांग्रेस को हरा कर सत्ता हासिल कर सकती है.
-इवीएम पर सवाल उठाना कितना सही है. क्या इवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए.
जवाब : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इवीएम के माध्यम से हुए चुनाव को जीत कर ही सत्ता में आयी हैं, तो क्या उस समय इवीएम सही नहीं था. कांग्रेस आखिर इवीएम पर कैसे सवाल उठा सकती है. कांग्रेस के कार्यकाल में ही इवीएम का प्रयोग शुरू हुआ था. इसलिए उनकी इवीएम का विरोध करने वाले लोगों से यह कहेंगे कि वह इवीएम की बजाय अन्य मुद्दों पर ध्यान दें. लोगों से मोदी के खिलाफ अगर कुछ कहना है तो कहें, क्याेंकि वोट तो देश की आम जनता देती है. बैलेट पेपर से भी अगर चुनाव होता है तो हारने के बाद विरोधी पार्टियों का दूसरा राग शुरू हो जायेगा और वह कहने लगेंगी कि फर्जी वोटिंग हुई है, बूथ लूटे गये हैं, बैलेट पेपर की छिनताई हुई है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इवीएम पर सवाल उठाना सही नहीं है.
-वन नेशन, वन इलेक्शन के बारे में आपकी क्या राय है?
जवाब : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘वन नेशन, वन इलेक्शन ‘ की सोच, एक सकारात्मक पहल है. इस पर सभी पार्टियों को विचार करना चाहिए. देश में वर्ष 1972 तक लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे. अगर इसे फिर से लागू किया जाता है तो वह इस फैसले का स्वागत करते हैं. क्योंकि इससे चुनाव पर होनेवाले हजारों करोड़ रुपये बचेंगे और साथ ही लोगों का समय भी बचेगा. मोदी जी के इस सोच पर सभी पार्टियों को मिल कर विचार करना चाहिए.
-केंद्र सरकार छात्रों को मिलने वाले स्कॉलरशिप में वृद्धि करने की दिशा में क्या योजना बना रही है.
जवाब : केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष पांच से छह करोड़ छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान किया जाता है. छात्रों को 290 रुपये से लेकर 1200 रुपये तक का स्कॉलरशिप मिलती है. करीब आठ वर्ष पहले स्कॉलरशिप की राशि बढ़ायी गयी थी. अब केंद्र सरकार एक बार फिर से इसमें वृद्धि करने की योजना बना रही है. हमारे मंत्रालय ने इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है. वहीं, विदेशों में पढ़ाई करने के लिए भी केंद्र सरकार के पास प्रत्येक वर्ष 300 से 400 आवेदन जमा होते हैं और इनमें से 100 छात्रों को केंद्र सरकार द्वारा मदद की जाती है. अब उनके विभाग ने एक वेलफेयर कमेटी का गठन किया है, जिसके माध्यम से छात्रों को विदेशों में पढ़ाई करने के लिए 20 लाख रुपये से लेकर 15 करोड़ रुपये तक की मदद की जायेगी.
-सिक्कों को लेकर आम लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही है. बैंक सिक्के जमा नहीं ले रहे. इस बारे में आप का क्या कहना है.
जवाब : भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मान्य हर एक करेंसी को जमा लेना सभी बैंकों के लिए अनिवार्य है. जो भी बैंक सिक्के को जमा नहीं लेते, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. प्रभात खबर ने उन्हें सिक्कों के कारण आम जनता को होने वाली समस्याओं से अवगत कराया है. इस संबंध में वह स्वयं देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखेंगे और उनसे इस संबंध में कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे.
फल्गु-निरंजना की तस्वीर बदलेगी सरकार : आठवले
कोलकाता : रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा कि केंद्र सरकार गया की फल्गु-निरंजना नदी के पुनर्रुद्धार के लिए शीघ्र ही कदम उठायेगी. श्री आठवले व बौद्ध भिक्षु भंते तिस्सवरो मंगलवार को प्रभात खबर,कोलकाता कार्यालय पहुंचे. श्री आठवले ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में निरंजना या फल्गु नदी की स्थिति बहुत ही खराब है. नदी में पानी ही नहीं है तथा नदी में हर तरफ गंदगी ही गंदगी है. नदी के किनारे का अतिक्रमण कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि हाल में वह केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर निरंजना-फल्गु प्राधिकरण गठन करने की मांग की थी. इस बाबत उनसे बातचीत भी की थी. केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि फल्गु नदी के पुनरुद्धार के लिए उनका मंत्रालय कदम उठायेगा, लेकिन केवल प्राधिकरण गठित कर समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. इसके लिए जरूरी है कि ऐसी व्यवस्था की जाये, ताकि सालों पर नदी में पानी रहे. उन्होंनेे कहा कि मंत्रालय इस बाबत काम कर रहा है कि नदी में सालों भर पानी रहे. उन्होंने स्वीकार किया कि फल्गु नदी में देश के कोने-कोने से लोग पिंडदान के लिए आते हैं. वे गंदा पानी से ही पूजा करने के लिए बाध्य होते हैं. उन्होंने कहा कि बौद्ध भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, लेकिन जब विदेशों से बौद्ध पर्यटक आते हैं, वे निरंजना नदी की अवस्था देख कर बहुत ही दुखी होते हैं. उन्होंने कहा कि नदी की सफाई से न केवल स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा, वरन इससे गया की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगी.