– प्रभात खबर, कोलकाता को फीचर हिंदी में मिला सर्वोत्तम पुरस्कार
कोलकाता : भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोशल मीडिया के दुष्परिणाम के प्रति लोगों को अगाह करते हुए कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए करते हैं. श्री मुखर्जी रविवार को कैंडिड कम्युनिकेशन के तत्वावधान में आयोजित आठवीं पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान समारोह के अवसर पर ये बातें कहीं.
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मनोजीत मित्रा को सुमित सेन मेमोरियल लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया, जबकि प्रभात खबर कोलकाता के सीनियर न्यूज एडिटर अजय विद्यार्थी को टेस्ट ट्यूब बेबी के जनक डॉ सुभाष मुखर्जी पर स्टोरी के लिए हिंदी के फीचर श्रेणी में सर्वोत्तम पत्रकार का पुरस्कार प्रदान किया गया.
श्री मुखर्जी ने कहा कि सूचना-तकनीक के विकास के साथ-साथ मीडिया का विस्तार हो रहा है. मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है. पत्रकारिता अपने उभरते दौर में है. पत्रकारिता दिनों-दिन शक्तिशाली हो रही है. पत्रकारिता पेशा और मजबूती के साथ उभर रहा है. तकनीक के विकास के साथ अब टाइप राइटर का स्थान कंप्यूटर और मोबाइल फोन ने ले लिया है.
उन्होंने कहा : इसके साथ मैं युवा पत्रकार पीढ़ी को सचेत करना चाहता हूं. आपके पास बहुत ही प्रभावशाली माध्यम है. इस माध्यम से आप लोगों के मन मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं. संपादकीय के माध्यम से आप अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन जहां तक समाचार लिखने की बात है. इसमें सावधान रहने की जरूरत है. समाचार में 100 फीसदी केवल तथ्य रहें. इसमें पत्रकार का कोई विचार समाहित नहीं हो पाये. समाचार केवल तथ्यों पर आधारित लिखें. इसमें अपने विचार का समावेश नहीं करें. विचार करने का निर्णय पाठक पर छोड़ दें.
उन्होंने कहा: आज मीडिया के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति भी आयी है. सोशल मीडिया का प्रभाव पढ़ा है, लेकिन सोशल मीडिया के अपने कुछ दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं. समाचार पत्र के प्रकाशन में संवाददाता से लेकर संपादक की जिम्मेदारी होती है, लेकिन सोशल मीडिया में कई ऐसे न्यूज फॉरवर्ड कर दिये जा रहे हैं. कई ऐसी स्टोरी आ रही हैं, जिनसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है. कुछ लोग जानबूझ कर गलत उद्देश्य से इन स्टोरी को सोशल मीडिया के जरिये फैला रहे हैं. इसलिए सोशल मीडिया की स्टोरी को शेयर करने के प्रति सचेत रहने की जरूरत है.