स्कूलों में मिड डे मील के लिए यूनिफार्म मीनू सिस्टम जारी

कोलकाता : राज्य के सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में मिड डे मील में बच्चों को सप्ताह में दो दिन अंडा व एक दिन मछली खिलाये जाने का निर्देश दिया गया है. इस तरह की सूचना पश्चिम बंगाल सरकार के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, हुगली (मिड डे मील सेक्शन) कार्यालय की ओर से जारी किया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2019 3:01 AM

कोलकाता : राज्य के सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में मिड डे मील में बच्चों को सप्ताह में दो दिन अंडा व एक दिन मछली खिलाये जाने का निर्देश दिया गया है. इस तरह की सूचना पश्चिम बंगाल सरकार के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, हुगली (मिड डे मील सेक्शन) कार्यालय की ओर से जारी किया गया है.

इस निर्देश में कहा गया है कि स्कूलों में मिड डे मील में प्राइमरी (कक्षा 5 से 8) के बच्चों को बुधवार के दिन चिकेन व अन्य दो दिन अंडा सर्व किया जाना चाहिए. वहीं अपर प्राइमरी में (कक्षा 6 से 8)गुरुवार को चिकेन व सप्ताह में दो दिन अंडा खाने में दिया जाना चाहिए.

वहीं पूर्व मिदनापुर में प्राथमिक स्कूलों को मिड डे मील में सप्ताह में दो दिन अंडा व एक दिन मछली दिये जाने का निर्देश दिया गया है. अपर प्राइमरी में मिड जे मील में दो दिन अंडा व एक दिन पोस्तो दिये जाने का आदेश दिया गया है. इसी को लेकर शिक्षकों व हैडमास्टरों ने आपत्ति जतायी है.
उनका कहना है कि प्राइमरी में कक्षा 1 से 5 तक प्रति छात्र 4.48 पैसे दिये जाते हैं. वहीं अपर प्राइमरी में प्रति छात्र 6.71 पैसे मिड डे मील के दिये जाते हैं. इतने कम पैसों में बच्चों को अंडा व मछली खिलाना संभव नहीं है.
इस विषय में चांपदानी आदर्श श्रमिक विद्या मंदिर के हैडमास्टर कमलेश तिवारी का कहना है कि बच्चों को नून भात नहीं मिलना चाहिए, यह ठीक है लेकिन दो दिन अंडा या एक दिन मछली व चिकेन बांटना संभव नहीं है. स्कूलों में बच्चों की संख्या ज्यादा है. 5 रुपये में या साढ़े छै रुपये में अंडा, मछली चिकेन या पोस्तो सर्व करना प्रैक्टिकल नहीं है.
ऐसा लग रहा है कि ऐसे आदेश देकर सरकार शिक्षक समाज को लांछित करने का काम कर रही है. मिड डे मील बच्चों को मिलना चाहिए लेकिन स्कूल भी बजट के अंदर ही काम कर सकते हैं. स्कूलों को डीएम ने सप्ताह में एक दिन अपर प्राइमरी में पोस्तो भी सर्व करने का आदेश दिया है.
इतने कम पैसों में यह सब प्रबंधन करना बहुत मुश्किल है. इस विषय में बंगीय शिक्षा-ओ-शिक्षा कर्मी समिति के सह सचिव सपन मंडल का कहना है कि सरकार या डीएम द्वारा जारी इस आदेश को वास्तव में पालन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मिड डे मील के लिए इतना बजट ही नहीं है.
बच्चों को पाैष्टिक आहार मिलना चाहिए लेकिन दो दिन अंडा व एक दिन मछली या चिकेन व पोस्तो की व्यवस्था करना स्कूलों के लिए संभव नहीं है. इसको कुछ दिनों तक तो चलाया जा सकता है लेकिन हमेशा के लिए यह क्रियान्वित नहीं हो पायेगा. इससे पहले मिड डे मील को लेकर दक्षिण 24 परगना के स्कूलों के लिए जो मीनू जारी किया गया, वह ठीक है.
इसमें सभी दिन सब्जी व चावल सर्व करने के लिए कहा गया है व सप्ताह में एक दिन बच्चों को अंडा देने की बात कही गयी है. यही मीनू सभी स्कूलों में लागू किया जाना चाहिए, इससे स्कूलों को सुविधा होगी. सभी स्कूलों के लिए सप्ताह में एक दिन मछली, चिकेन या पोस्तो खिलाना संभव नहीं है, क्योंकि इसमें काफी पैसा खर्च होगा. जबकि स्कूलों को प्रति छात्र 5 रुपये व 6.71 पैसे का बजट मिड डे मील के लिए मिलता है.

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