एनआरसी पर ममता बनर्जी का वार, कहा- राजनीतिक हित साधने का प्रयास कर रही केंद्र सरकार

कोलकाता : असम में अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के जारी होने के बाद गैर-भाजपा दलों ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में एनआरसी की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद इसे राजनीतिक हित साधने की कोशिश करार दिया है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2019 2:22 AM

कोलकाता : असम में अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के जारी होने के बाद गैर-भाजपा दलों ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में एनआरसी की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद इसे राजनीतिक हित साधने की कोशिश करार दिया है.

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए कहा कि एनआरसी की असफलता ने उन सभी को बेनकाब किया है जिन्होंने इससे राजनीतिक हित साधने की कोशिश की. उन सभी को राष्ट्र को जवाब देना होगा. सुश्री बनर्जी ने लिखा कि ऐसा ही होता है जब कानून के पीछे समाज व राष्ट्र की बेहतरी की बजाय निहित स्वार्थ होते हैं.

मुख्यमंत्री के मुताबिक वह असम के लोगों के लिए दुखी हैं, खासतौर पर उन बांग्लाभाषी भाइयों व बहनों के लिए, जिन्हें इस ढिलाई वाले काम का खामियाजा उठाना पड़ा है.
उधर, तृणमूल नेता और राज्य के नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने शनिवार को कहा कि वह असम के नागरिकों के साथ हैं. समूची स्थिति पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नजर रख रही हैं. केंद्र सरकार को अब यह स्पष्ट करना चाहिए कि जिन 19 लाख लोगों के नाम सूची में नहीं हैं उनका क्या होगा.
सूची से पहले 40 लाख लोगों के नाम हटाये गये थे अब वह घटकर 19 लाख रह गये हैं लेकिन क्या इन 19 लाख लोगों को भगा दिया जायेगा? इस बात का जवाब केंद्र सरकार को देना होगा. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर चौधरी ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो वास्तव में भारतीय नागरिक हैं उनका नाम सूची से न हटाया जाये. इस संबंध में जात-पात या धर्म को देखे बगैर सूची बनायी जाये. माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि केंद्र की इस संबंध में नीतियां स्पष्ट नहीं हैं.
19 लाख लोगों के नाम सूची से हटा दिये गये हैं. यह संख्या काफी अधिक है. जिन लोगों के नाम सूची में नहीं हैं और वह वास्तव में भारतीय नागरिक हैं तो उनके नाम सूची में कैसे शामिल हो यह स्पष्ट नहीं हो रहा है. सूची से बाहर रहने वाले लोगों को विदेशी प्राधिकरण में जाने के लिए कहा जा रहा है लेकिन ऐसा करना सबके वश की बात नहीं है. इसका मतलब है कि भारतीय नागरिक क्या भारत में ही रहकर विदेशी कहलायेंगे?

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