दुर्गापूजा में लोगों का साथी बन कर उनसे बढ़ायें जनसंपर्क
राज्य के सभी जिला अध्यक्षों के साथ बैठक में तृणमूल नेत्री का निर्देश किसी भी पूजा के आयोजन में पार्टी का झंडा व बैनर नहीं लगायेंगे कार्यकर्ता व समर्थक ऐसा करने से लोगों के बीच जायेगा गलत संदेश ममता ने कहा : लोगों के बीच रह कर राज्य सरकार की सफलताओं को उनके बीच पहुंचायें […]
राज्य के सभी जिला अध्यक्षों के साथ बैठक में तृणमूल नेत्री का निर्देश
किसी भी पूजा के आयोजन में पार्टी का झंडा व बैनर नहीं लगायेंगे कार्यकर्ता व समर्थक
ऐसा करने से लोगों के बीच जायेगा गलत संदेश
ममता ने कहा : लोगों के बीच रह कर राज्य सरकार की सफलताओं को उनके बीच पहुंचायें
कोलकाता : लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीत कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नींद उड़ानेवाली भाजपा को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क बढ़ाने पर जोर देना शुरू कर दिया है. महानगर में 2020 में नगर पालिका का चुनाव होना है और 2021 में विधानसभा का चुनाव है. इसे देखते हुए सोमवार को तृणमूल नेत्री ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि दुर्गापूजा के समय कोई भी नेता कहीं भी बाहर घूमने नहीं जाएंगे बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों में रह कर पूजा में इलाके के लोगों से मेलजोल बढ़ाएंगे.
कोलकाता स्थित पार्टी मुख्यालय में सोमवार को उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्षों के साथ रणनीतिक बैठक की. इसमें विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए नियुक्त किए गए रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया.
पार्टी सूत्र बताते हैं कि प्रशांत किशोर की सलाह पर ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को यह निर्देश दिए हैं. नेताओं को दिए गए फरमान में ममता ने कहा है कि दुर्गा पूजा का इस्तेमाल अधिक से अधिक लोगों से मिल जुलकर राज्य सरकार के सफलतापूर्वक कार्यों के बारे में वे लोगों को बतायें. जनसंपर्क के लिए शुरू की गयी दीदी के बोलो अभियान को पश्चिम बंगाल के गांव-गांव तक पहुंचाने का टारगेट भी मुख्यमंत्री ने दिया है. इसके अलावा इस बार विशेष तौर पर निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि किसी भी पूजा कमेटी अथवा पंडाल में अपनी पार्टी का झंडा बैनर पोस्टर नहीं लगाया जाएगा.
इससे लोगों के बीच गलत संदेश जाता है.पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद भाजपा भी नयी रणनीति के तहत राज्य भर के सभी बूथों पर कर्मियों की नियुक्ति और अधिक से अधिक जनसंपर्क बढ़ाने पर बड़े पैमाने पर जोर दे रही है. विधानसभा चुनाव में परिवर्तन लाने के लिए पार्टी में ग्राउंड स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. इसका मुकाबला करने के लिए तृणमूल सुप्रीमो का यह जवाबी कदम बताया जा रहा है.