वेब डिजाइनर बन कर लूटा
कोलकाता: लूटपाट की एक अजीबोगरीब कहानी सामने आयी है. अपराधियों ने स्वयं को वेब डिजाइनर के रूप में पेश कर पहले तो पांच सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ संपर्क किया. बाद में उन कंपनियों के प्रतिनिधियों को अपने अड्डे पर बुला कर उनका सब कुछ लूट लिया. घटना दक्षिण 24 परगना के कुलतली की है. लूट […]
कोलकाता: लूटपाट की एक अजीबोगरीब कहानी सामने आयी है. अपराधियों ने स्वयं को वेब डिजाइनर के रूप में पेश कर पहले तो पांच सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ संपर्क किया. बाद में उन कंपनियों के प्रतिनिधियों को अपने अड्डे पर बुला कर उनका सब कुछ लूट लिया. घटना दक्षिण 24 परगना के कुलतली की है. लूट के शिकार सॉफ्टवेयर कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कुलतली थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी है.
बाद में इस मामले की रिपोर्ट सिंथी थाना व कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार स्थित डकैती दमन शाखा में भी की गयी. पीड़ित दीपराज पाल ने बताया कि मनोज अग्रवाल नामक व्यक्ति ने वेबपेज डिजाइन के मुद्दे पर संपर्क किया था. उसने बताया कि कुलतली स्थित एक जल परियोजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह वेबपेज तैयार किया जायेगा. सब कुछ तय हो जाने के बाद मनोज ने तीन मई को उन्हें जयनगर बुलाया.
दीपराज अपने साथ प्रवीर विश्वास को लेकर जयनगर पहुंचा. उनकी गाड़ी रतन कंडारी नामक व्यक्ति चला रहा था. जयनगर पहुंचने पर पहले तो मनोज ने फोन के द्वारा उन्हें जामतला बुलाया, फिर माधवपुर आने के लिए कहा, जहां पहुंचने पर बाइक पर सवार एक युवक उनका इंतजार कर रहा था. अपनी गाड़ी वहीं छोड़ कर दीपराज व प्रवीर उस युवक के साथ बाइक पर सवार हो कर जल परियोजना को देखने के लिए चले गये, वह युवक उन्हें एक झील के पास ले गया, जहां पहले से मुंह पर गमछा डाले कई लोग जमा थे.
उनलोगों ने हथियार दिखा कर उनका पर्स, मोबाइल, अंगुठी इत्यादि छिन लिया. इसके बाद उन लोगों को एक झोपड़ी में बंद रखा गया. झोपड़ी में 15 और लोग थे, वे भी अलग-अलग सॉफ्टवेयर कंपनियों से थे. एक ही तरीके से उन सब को लूटा गया है. उनके एटीएम कार्ड छिन कर उनसे भी पैसे निकाल लिये गये. चार मई को वे लोग किसी तरह घर लौटे. किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.