कोलकाता में बिजली सप्लाई में 10 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार : विजयवर्गीय
कोलकाता : भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कोलकाता में बिजली सप्लाई में ममता बनर्जी के साथ मिलकर सीइएससी पर 10 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कोलकाता में अधिक बिजली शुल्क लिये जाने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं […]
कोलकाता : भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कोलकाता में बिजली सप्लाई में ममता बनर्जी के साथ मिलकर सीइएससी पर 10 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कोलकाता में अधिक बिजली शुल्क लिये जाने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया कार्रवाई की भी निंदा की है.
विजयवर्गीय ने पुलिसिया कार्रवाई पर कहा : ममता सरकार में बिजली मीटिर रीडिंग में भी जमकर धांधली की जाती है. पश्चिम बंगाल में अन्य राज्यों की तुलना में बिजली बहुत ही महंगी है. जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस धांधली का विरोध किया तो पुलिस ‘गुंडागर्दी’ पर उतर आयी.
लाठियां भी भांजी गयीं. श्री विजयवर्गीय ने कहा : सीइएससी द्वारा कोलकाता में देश में सबसे ज्यादा महंगी बिजली बेची जा रही है. हमारे पास प्रमाण हैं कि इसमें 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें मुख्यमंत्री और उनके परिवार के लोग शामिल हैं.
पिछले सात वर्षों में कोलकाता के प्रत्येक घर से कम से कम 50 हजार रुपये और अधिकतम तीन लाख रुपये ज्यादा लिये गये हैं. कोलकाता के निवासी, जो भी बिल भरता है, उसको ठगा जा रहा है. हम ममता जी से पूछना चाहते हैं कि देश में सबसे महंगी बिजली कोलकाता में क्यों ? आपकी और सीइएससी कंपनी की क्या साठगांठ है.
उन्होंने कहा : अति शीघ्र भारतीय जनता पार्टी इस 10 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार को, लेकर न सिर्फ उग्र आंदोलन करेगी, बल्कि आवश्यक हुआ, तो न्यायापालिका में भी जायेगी और सेंट्रल एजेंसी से जांच कराने का आग्रह भी करेगी.
इस आरोप के संबंध में पूछे जाने पर आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप के मुख्य ग्रुप सलाहाकार (कारपोरेट रिलेशंस) मनिशंकर मुखर्जी ने कहा कि आज की घटना और इस आरोप को लेकर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. इस बारे में वह कोई भी बयान नहीं देंगे.