Loading election data...

बैंकिंग सेक्टर की खस्ता हालत से पब्लिक सेक्टर में निवेश ब‍ंद

कोलकाता : देश में छायी मंदी की वजह से लोगों के सामने रोजगार का संकट है तो बाजार की हालत खस्ता है. बैंकिंग सेक्टर चरमराने से हालत और खराब होते जा रही है. यही वजह है कि पब्लिक सेक्टर में किसी भी तरह का निवेश नहीं हो रहा है. मौजूदा जो आर्थिक दौर चल रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2019 2:02 AM

कोलकाता : देश में छायी मंदी की वजह से लोगों के सामने रोजगार का संकट है तो बाजार की हालत खस्ता है. बैंकिंग सेक्टर चरमराने से हालत और खराब होते जा रही है. यही वजह है कि पब्लिक सेक्टर में किसी भी तरह का निवेश नहीं हो रहा है. मौजूदा जो आर्थिक दौर चल रहा है उसमें वामपंथियों की लड़ाई काफी मायने रखती है.

लाइसेंसी राज के कारण पूर्वोत्तर का विकास नहीं हो पाया. यह नेहरू की देन थी. हालांकि अब लाइसेंसी राज से मुक्ति मिली जरूर है, लेकिन इस बीच काफी देर हो गयी है. मंदी का सबसे बड़ा कारण है घरेलू बाजार का खत्म हो जाना. रहा सवाल बंगाल के औद्योगिक बदहाली का तो इसके लिए अन्य कारकों के अलावा जिद्द एक बड़ा कारण है.

उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिये बिना कहा कि सिंगूर, नंदीग्राम, रघुनाथपुर जैसी परियोजना जिद्द के कारण बंगाल की धरती पर मूर्त रूप नहीं ले पायी. अगर यह परियोजना साकार हुई होती तो बंगाल की तस्वीर ही दूसरी होती, लेकिन जिद्द सबसे बड़ी बाधा बनी. जिद्द की ही देन है कि मेट्रो परियोजना का रूट बदला गया और इतनी बड़ी दुर्घटना हुई.

लोगों की जान पर बन आयी है, लोग अपना घर बार छोड़ कर होटलों में रहने को मजबूर हैं. यही जिद्द बंगाल के औद्योगिक विकास के सफर में आड़े आयी. वाममोर्चा सरकार के समय सामूहिक निर्णय से काम होता था. आज स्थिति ऐसी नहीं है. फिलहाल बंगाल में गहरे समुद्र के बंदरगाह की जरूरत है. अगर ऐसा होता है तो कुछ हालत में सुधार की गुंजाइश होगी.

Next Article

Exit mobile version