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ममता ने भाजपा को चेताया, कहा- आग से ना खेलें, जब तक जिंदा रहेंगे, बंगाल में एनआरसी लागू होने नहीं देंगे

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा के चेताते हुए कहा कि बंगाल में किसी भी कीमत पर एनआरसी लागू होने नहीं देंगी. भाजपा आग से नहीं खेले और वह फिर से बंगाल विभाजन और देश का विभाजन नहीं होने देंगी. गुरुवार को सुश्री बनर्जी के नेतृत्व में सिंथी मोड़ से श्यामबाजार तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2019 9:15 PM

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा के चेताते हुए कहा कि बंगाल में किसी भी कीमत पर एनआरसी लागू होने नहीं देंगी. भाजपा आग से नहीं खेले और वह फिर से बंगाल विभाजन और देश का विभाजन नहीं होने देंगी. गुरुवार को सुश्री बनर्जी के नेतृत्व में सिंथी मोड़ से श्यामबाजार तक एनआरसी के खिलाफ जुलूस निकाला गया.

श्यामबाजार पांच माथा मोड़ पर सभा को संबोधित करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि भाजपा एक और बंग विभाजन और भारत विभाजन की कोशिश नहीं करे. भाषा, धर्म, जाति के आधार एनआरसी नहीं मानेंगे. जो बंगाल में रहता है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो. या कोई भी भाषा बोलता हो. वह बंगाली है.

उन्होंने कहा कि बंगाल किसी भी कीमत पर अपना सिर नहीं झुकायेगा. भाजपा आग से नहीं खेले. इसका परिणाम सही नहीं होगा. वे लोग देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि असम में 19 लाख लोगों को एनआरसी से अलग रखा गया है. इनमें 12 लाख हिंदू भी है. इनमें हिंदी भाषी भी है. मुस्लिम भी है. बौद्ध भी है.

उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है बंगाल में दो करोड़ लोग बाहर के हैं. वे उन्हें छू कर देख लें. जब तक वह जिंदा हैं. बंगाल में एनआरसी लागू होने नहीं देंगी. उन्होंने कहा कि असम में पुलिस की मदद से मुंह बंद रखा जा रहा है, लेकिन बंगाल में यह संभव नहीं है. एजेंसियों का भय दिखाने का कोई लाभ नहीं है. उन लोगों को धर्म सिखाया जा रहा है. उन लोगों को धर्म सिखाने से कोई लाभ नहीं है.

उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय के नाम पर कोलकाता से मुख्यालय हटाया जा रहा है. अर्थव्यवस्था की हालत बदतर है. आर्थिक क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है, दुकानदार के हाथों में पैसे नहीं हैं. उद्योग-धंधे बंद हो रहे हैं. सार्वजनिक इकाइयां भेल, बीएसएनएल, एयर इंडिया आदि का या तो निजीकरण किया जा रहा है या फिर बिक्री कर दिया जा रहा है.

आर्थिक अव्यवस्था से ध्यान हटाने के लिए यह साजिश रची जा रही है. ऐसा लगता है कि केवल वे लोग ही साधु हैं, सभी चोर हैं. राज्य में माकपा व कांग्रेस का अस्तित्व नहीं है. भाजपा का अस्तित्व पैसे और एजेंसी के बल पर टिका है. तृणमूल का इनसे लड़ने की क्षमता है.

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