पीएनबी, ओबीसी व यूबीआई के विलय की प्रक्रिया शुरू, एक अप्रैल से काम शुरू करेगा नया बैंक
कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी, वीआरएस योजना के आसार भी नहीं कोलकाता : यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की विलय की गयी इकाइयां अगले साल एक अप्रैल 2020 से परिचालन में आयेंगी. विलय की गयी इकाइयों का एक नया नाम होने की संभावना है. यह […]
कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी, वीआरएस योजना के आसार भी नहीं
कोलकाता : यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की विलय की गयी इकाइयां अगले साल एक अप्रैल 2020 से परिचालन में आयेंगी. विलय की गयी इकाइयों का एक नया नाम होने की संभावना है. यह जानकारी शनिवार को यूबीआई के प्रबंध निदेशक व सीइओ अशोक कुमार प्रधान ने दी. उन्होंने बताया कि यह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा और जिसका कुल कारोबार 18 लाख करोड़ रुपये का होगा.
उन्होंने कहा – विलय प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा और नयी इकाई एक अप्रैल 2020 से काम करना शुरू कर देगी. इन तीन बैंकों ने शनिवार को नेशनल लाइब्रेरी में एक ग्राहक सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक के महाप्रबंधक चंदर खुराना तथा ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के महाप्रबंधक विनय कुमार गुप्ता ने भाग लिया.
बैंकों ने कहा कि विलय की गई इकाई में कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं होगी. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लाने की बात से भी इनकार किया है. प्रधान ने कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विलय के बाद बनने वाले नये बैंक के कर्मचारियों की संख्या एक लाख होगी और उसकी शाखाओं की संख्या 11,400. विलय की प्रक्रिया में कानूनी और नियामकीय बाध्यताओं का पालन करना होगा.
इसके अलावा तीनों बैंकों के बोर्ड की मंजूरी लेनी होगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने विलय के पहले पीएनबी में 16,000 करोड़ रुपए और यूबीआई में 1,600 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश की घोषणा की है. एक सवाल के जवाब में पीएनबी के श्री खुराना ने कहा कि तीनों बैंकों का औसत शुद्ध एनपीए अभी 6.67 फीसदी है. विलय के बाद इसके घटकर छह फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है.