रिफ्यूजल के नाम पर चालकों पर हो रहा अत्याचार

कोलकाता: जो टैक्सी चालक रात दिन कड़ी मेहनत कर के दो पैसा कमाते हैं भला उनकी उपेक्षा सरकार क्यों कर रही है. कायदे से देखे तो हम टैक्सी चालकों को सरकारी सहायता मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा. उलटे सरकार हर रोज नये-नये कानून बना कर चालकों को परेशान कर रही है. ये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2014 8:10 AM

कोलकाता: जो टैक्सी चालक रात दिन कड़ी मेहनत कर के दो पैसा कमाते हैं भला उनकी उपेक्षा सरकार क्यों कर रही है. कायदे से देखे तो हम टैक्सी चालकों को सरकारी सहायता मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा.

उलटे सरकार हर रोज नये-नये कानून बना कर चालकों को परेशान कर रही है. ये बातें कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन (एटक) के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहीं. गुरुवार को महानगर स्थित एटक भवन में आयोजित टैक्सी ड्राइवरों को स्वास्थ्य बीमा प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में टैक्सी चालकों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं.

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि देश में पहली बार श्रमिकों की भलाई के लिए माकपा सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की थी. लेकिन तृणमूल सरकार उसे समाप्त कर रही है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि टैक्सी रिफ्यूजल के नाम पर टैक्सी चालकों पर जुल्म किया जा रहा है. इसको लेकर परिवहन मंत्री मदन मित्र और पुलिस कमिश्नर को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

यदि यही रवैया रहा तो आगामी 7 अगस्त को टैक्सी चालक धर्मतल्ला में रैली कर विरोध जतायेंगे. इसके बाद भी यदि अनदेखी हुई तो 9 अगस्त को श्रम भवन का घेराव करेंगे. श्री श्रीवास्तव ने बताया कि यूनियन की ओर से लगभग 2000 टैक्सी चालकों को स्वास्थ्य बीमा देने का लक्ष्य रखा गया है. गुरुवार को 50 चालकों को बीमा प्रमाण पत्र सौंपा गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से एटक के प्रदेश महासचिव रंजीत गुहा व नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के वरीय मंडल प्रबंधक जानकी वल्लभ महापात्र सहित अन्य वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी उपस्थित रहे. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक जानकी महापात्र ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब टैक्सी चालकों को चिकित्सा कराने में सुविधा होगी. दुर्घटना होने पर बीमा कंपनी की ओर से एक लाख रुपये तक का चिकित्सा खर्च वहन किया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version