एनआरसी पर हिंदू डरें नहीं, घुसपैठिये ही किये जायेंगे बाहर: मोहन भागवत

अजय विद्यार्थी, कोलकाता : असम में राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) से कुछ हिंदुओं को भी बाहर किये जाने के आरोप के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने साफ कर दिया कि एनआरसी से हिंदू डरें नहीं. चाहे वे किसी भी भाषा, जाति या देश के हों, वे भारत में ही रहेंगे, क्योंकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2019 6:41 AM

अजय विद्यार्थी, कोलकाता : असम में राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) से कुछ हिंदुओं को भी बाहर किये जाने के आरोप के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने साफ कर दिया कि एनआरसी से हिंदू डरें नहीं. चाहे वे किसी भी भाषा, जाति या देश के हों, वे भारत में ही रहेंगे, क्योंकि हिंदू हिंदुस्तान के बाहर कहां जायेंगे?

लेकिन साथ में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि घुसपैठिये बाहर किये जायेंगे. भागवत रविवार को हावड़ा के तांतबेड़िया में आरएसएस के 37 विचार परिवार के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. यह संघ के 37 शाखा संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक थी.
संघ प्रमुख ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होगा. एक भी हिंदू को देश से बाहर नहीं जाने देंगे, लेकिन हम घुसपैठियों की पहचान करेंगे. हिंदुस्तान पर हिंदुओं का जातिगत अधिकार है.
विदेशों के विस्थापित हिंदू यहां नहीं आयेंगे, तो और कहां जायेेंगे ? उन्होंने कहा कि विश्व के सभी देशों मेें नागरिक पंजी है और सभी देश अपने नागरिक और विदेशी नागरिक की पहचान करते हैं. श्री भागवत ने पदाधिकारियों से कहा कि वे नागरिकता कानून और एनआरसी के बारे में गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करें.
कुछ पार्टियां इसे लेकर लोगों को आतंकित करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन किसी पार्टी के विरोध से नागरिकता संशोधन विधेयक नहीं रुकेगा. सीना ठोक कर कहें कि एनआरसी लागू होगा. गांव-गांव में जाकर इसका प्रचार करें कि कोई भी बंगाली हिंदू नागरिक या किसी भी भाषा के हिंदू नागरिक को देश से बाहर नहीं भेजा जायेगा. वे डरे नहीं और न ही आतंकित होने की जरूरत है.
जतायी उम्मीद : राममंदिर पर पक्ष में आयेगा फैसला
श्री भागवत ने उम्मीद जतायी कि राम मंदिर पर पक्ष में ही फैसला (अदालत का फैसला) आयेगा. राम मंदिर के मामले पर सहनशीलता रखनी होगी. वकीलों की राय, विरोधी पक्ष के विचार तथा भारतवासियों का विश्वास है कि राम मंदिर के निर्माण पर सर्वोच्च न्यायालय की राय पक्ष में ही आयेगी.
संगठन के पदाधिकारियों द्वारा आरक्षण पर पूछे सवाल पर श्री भागवत ने कहा कि समाज में अभी भी छुआछूत है. ऐसे लोगों के साथ बैशाखी बनकर समाज को खड़ा रहना होगा और जब-तक वे अनुभव नहीं करेंगे कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए, तब-तक उन्हें आरक्षण दिया जाना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version