विदेशों में भी बढ़ा दुर्गा पूजा का चलन
कोलकाता : अब विदेशों में भी दुर्गा पूजा आयोजन का चलन खासा बढ़ा है. विदेशों में रहने वाले भारतीय, विशेषकर बांग्ला भाषी या तो बंगाल आकर पूजा की धूम का हिस्सा न बन जाते हैं या फिर अपनी कर्मभूमि में ही पूजा का आयोजन करके उत्सव के रंग में जरूर रंग जाते हैं. पूजा के […]
कोलकाता : अब विदेशों में भी दुर्गा पूजा आयोजन का चलन खासा बढ़ा है. विदेशों में रहने वाले भारतीय, विशेषकर बांग्ला भाषी या तो बंगाल आकर पूजा की धूम का हिस्सा न बन जाते हैं या फिर अपनी कर्मभूमि में ही पूजा का आयोजन करके उत्सव के रंग में जरूर रंग जाते हैं. पूजा के लिए मूर्तियों को बनाने के गढ़, कुम्हारटोली में कोलकाता तथा आसपास के जिलों के पूजा आयोजनों के लिए मूर्तियां बनती हैं. इसी कुम्हारटोली में विदेशों में होने वाले पूजा आयोजनों के लिए भी मूर्तियां बनायी जाती हैं.
कुम्हारटोली मृत शिल्पी संस्कृति संघ के सचिव बाबू पाल ने बताया कि इस वर्ष कुम्हारटोली से 64 मूर्तियां विदेशों में भेजी गयी हैं. गत वर्ष 58 मूर्तियां विदेश भेजी गयीं थीं. विदेश की बात करें तो सर्वाधिक दुर्गा पूजा का आयोजन अमेरिका में होता है. अमेरिका में बांग्लाभाषियों की तादाद खासी है. पहले अमेरिका में जहां इक्का-दुक्का ही दुर्गा पूजा होती थी वहीं अब इनकी संख्या में वृद्धि हुई है. अमेरिका के अलावा जर्मनी, स्पेन और इंग्लैंड में भी कुम्हारटोली से मूर्तियां भेजी जाती हैं. विदेश भेजी जाने वाली मूर्तियों को काफी पहले तैयार कर लिया जाता है. मूर्तिकार भी विदेश भेजी जाने वाली मूर्तियों को समय लेकर, सावधानी से बनाते हैं. बाबू पाल के मुताबिक विदेशों में पूजा आयोजनों के लिए मुख्य रूप से कुम्हारटोली से ही मूर्तियां मंगायी जाती हैं. यह उनके लिए भी गर्व का विषय है.